रांची: झारखंड में निजी कंपनियों में 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का नियम जनवरी 2023 में लागू हो जायेगा. प्रदेश के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधायक प्रदीप यादव और विधायक सुदिव्य कुमार के सवालों के जवाब में बुधवार को यह जानकारी दी. इस योजना के लागू होने में देरी के लिए प्रदीप यादव और सुदिव्य कुमार दोनों ने हेमंत सोरेन सरकार की खिंचाई भी की.
दोनों विधायकों ने वर्ष 2021 में विधानसभा से पारित इस कानून को स्थानीय बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान करार दिया. साथ ही कहा कि अगर सरकार सख्ती से इसे लागू नहीं करेगी, तो झारखंड के युवाओं को नौकरी नहीं मिलेगी. प्रदीप यादव ने कहा कि वर्ष 2021 में इस कानून को सदन ने पारित किया. सितंबर 2022 में इसे अधिसूचित कर दिया गया. नियम था कि 30 दिन के भीतर सभी नियोक्ता श्रम एवं रोजगार विभाग में अपना पंजीयन करवायेंगे.
तीन महीने बाद सिर्फ 404 नियोक्ताओं ने कराया निबंधन
प्रदीप यादव ने कहा कि 30 दिन में सभी नियोक्ताओं को निबंधन कराना था, लेकिन तीन महीने से ज्यादा बीतने के बाद महज 404 नियोक्ता पंजीकृत हुए हैं. प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार की मंशा अच्छी है, लेकिन उसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है.
सरकार का रवैया ढीला-ढाला क्यों
श्री यादव ने कहा कि राज्य में 4,000 कंपनियां हैं, जो लोगों को नौकरी देती हैं. इनमें से सिर्फ 404 ने अब तक निबंधन कराया है. सरकार का रवैया इतना ढीला-ढाला क्यों है. उन्होंने मंत्री को बताया कि अगर इस नियम को सख्ती से लागू नहीं करवाया गया, तो प्रदेश के युवाओं को भविष्य में बहुत बड़ा नुकसान होगा.
बाहर के लोगों को नौकरी दे रही कंपनियां: प्रदीप यादव
श्री यादव ने कहा कि कंपनियां बाहर से अपने लोगों को लाकर यहां पर नौकरी दे रही है. सरकार किसी कंपनी से यह नहीं कह सकती कि जो लोग काम कर रहे हैं, उन्हें हटाकर स्थानीय लोगों को नौकरी दी जाये. इसलिए सरकार को इस कानून को अमल में लाने के लिए सख्ती बरतनी ही होगी.