Joharlive Team

  • नेशनल क्राइम रिकॅार्ड ब्यूरो के अनुसार 2018 में झारखंड में सबसे अधिक 373 तस्करी के केस रजिस्टर हुए हैं
  • यह देश भर में दर्ज हुए कुल केस का 15.1% है

रांचीः नेशनल क्राइम रिकॅार्ड ब्यूरो 2018 के आंकडे़ आ गए हैं। झारखंड के लिए ये आंकड़े बेहद परेशान करने वाले हैं। मानव तस्करी के मामले में झारखंड देशभर में अव्वल है। भारत में तस्करी की शिकार हुई हर सातवीं बेटी झारखंड से है। आंकड़े बताते हैं कि 2018 में देश भर में कुल 2367 केस रेजिस्टर हुए हैं। इनमें से 373 केस झारखंड के हैं. यह देश भर में दर्ज हुए कुल केस का 15.1% है। इनके अलावा कई मामले हैं जिनके लिए केस दर्ज नहीं हुआ।
तस्करी की शिकार ज्यादातर लड़कियां होती हैं। इनमें भी 18 साल से कम उम्र की लड़कियां ज्यादा है। एक और रिपोर्ट खुलासा करती है कि 2018 में 18 साल से कम उम्र की 314, वहीं 18 साल से ऊपर की 78 लड़कियों की तस्करी हुई। इनमें से क्रमशः 90 और 44 को रेस्क्यु किया जा सका।

बाल मजदूरी के लिए सबसे अधिक तस्करी होती है –
NCRB के अनुसार राज्य में जिन लड़कियों की तस्करी हुई है, उनमें से 58 लड़कियों की तस्करी बाल मजदूरी के लिए, 18 लड़कियों की यौन शोषण के लिए, 34 लड़कियों की घरेलू काम के लिए और 32 लड़कियों की जबरदस्ती शादी के लिए हुई है। बता दें कि झारखंड से हर साल लगभग 10 हजार लोग बाहर जाते हैं। इनमें से 67 % लोग 20 साल से कम के हैं।

दिल्ली औऱ मुंबई है इनका सबसे बड़ा बाजार –
मानव तस्करी का सबसे बड़ा बाजार दिल्ली और मुंबई है।केवल झारखंड ही नहीं देश भर की तमाम लड़कियां इन्हीं शहरों में बेची जाती हैं। इसके अलावा यूपी, पंजाब और बंगाल भी तस्करी का बड़ा बाजार है। सर्वे बताते हैं कि तस्करी का मुख्य कारण गरीबी है। काम का झांसा देकर लड़कियों को शहर लेजाकर बेचा जाता है।

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