Joharlive Team
रांची। गैंगस्टर कुणाल सिंह हत्या मामले की जांच में एसआईटी को बड़ी सफलता मिली। एसआईटी ने कई घंटों के अंदर तीन अपराधी को पकड़ लिया है। तीनों अपराधी मेदनीनगर के रहने वाले है। पकड़े गए सभी अपराधी से दूसरी टीम पूछताछ कर रही है। हालांकि, इस घटना को अंजाम आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने दिया है। पुलिस अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पकड़े गए अपराधियों ने डब्लू का नाम लिया है। कुख्यात डब्लू सिंह ने हत्या की योजना बनाया था। डब्लू के इशारे पर कुणाल सिंह की हत्या को अंजाम दिया गया है। गोली मारते समय 4 अपराधी सीसीटीवी में कैद हुए है। जबकि, अन्य अपराधी बगल में खड़े होकर रेकी कर रहे थे।
एसपी अजय लिंडा ने बताया कि तीन संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। सभी से पुलिस टीम पूछताछ कर रही है। 7.65 एमएम के पिस्टल से कुणाल को गोली मारी गई है।
- सुजीत का बॉडीगार्ड के तौर पर शुरू किया था अपराध जगत में कुणाल
सूत्रों के अनुसार मृतक गैंगस्टर कुणाल सिंह कई वर्ष पूर्व कुख्यात सुजीत सिन्हा के लिए काम करता था। सुजीत का बॉडीगार्ड के तौर पर उसने अपराध जगत में काम की शुरुआत की। इसके बाद धीरे धीरे सुजीत के साथ काम करने लगा। लंबे समय काम करने के बाद सुजीत को काम मे धोखा देने लगा, जिसके बाद सुजीत ने कुणाल को काम से हटा दिया। इसके बाद कुणाल अपना गैंग अलग से तैयार कर काम करने लगा था।
- हत्या से पहले कार से मारी गई टक्कर
कुणाल सिंह बीसफुटा पूल के पास बालूघाट पर प्रतिदिन जाता था। बुधवार को वह बीसफुटा की तरफ जा था, इसी क्रम में सामने से एक सफारी गाड़ी ने जोरदार टक्कर मारी। उसके बाद सफारी में बैठे अपराधियो ने गोली मार कर हत्या कर दी। शुरुआत में सभी को लगा कि यह दुर्घटना है, बाद में जब सभी ने देखा तो उसके सिर में गोली लगी है। जहां से पुलिस उसे उठा कर अस्पताल ले गई जहां डाकटरो ने उसे मृत घोषित किया।
- पलामू में कई बड़ी घटनाओं का आरोपी था कुणाल, बिहार में भी था मामला दर्ज
कुणाल सिंह पलामू और बिहार के इलाके में कई बड़े घटनाओं आरोपी था। पलामू का मशहूर बॉबी खान हत्या कांड, व्यवसायी ज्ञानचंद पांडेय के पोता अपहरण कांड, समेत कई हत्या के मामलों में आरोपी था। ज्ञानचंद पांडेय पोता अपहरण मामले में उसे सजा भी हुई थी। उस मामले में जमानत के बाद वह जेल से बाहर निकला था। कुणाल पर बिहार के औरंगाबाद समेत कई इलाकों में भी आपराधिक मामले दर्ज थे।