Joharlive Team

जमशेदपुर। 2019 में नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में झारखंड के प्रतिनिधि करने वाले शबनम (18 साल) अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण, एक बेकरी में सेल्स गर्ल की नौकरी कर रही है।

बारिश के दिनों में रातभर सो नहीं पाती थी। क्योंकि शबनम की छत से पानी चुता था और पापा कर्ज डूबे में हुए थे। ऐसे में शबनम ने ठान लिया कि, बरसात आने से पहले नौकरी कर अपने पिता के कर्ज को छुड़ाने का फैसला किया और 5500 रुपए की नौकरी बेकरी में सेल्स गर्ल की करने लगी।

वहीं, शबनम के पिता एक सुरक्षा गार्ड है। इतनी दिक्कत होने के बावजूद शबनम ने कहा कि, गेम मेरी जिंदगी है और मेरी इंटरनेशनल गेम खेलने की तमन्ना है। मुझे प्रैक्टिस करने का समय नहीं मिल पाता है।

सुबह 9:00 बजे से 7:00 बजे तक बेकरी में काम करती हूं। सुबह 5 बजे से 8 बजे तक प्रैक्टिस करने का टाइम मिलता है। मुझे सरकार की मदद मिल जाती तो, मेरे लिए एक बहुत बड़ा सपोर्ट होता और मैं मन लगाकर प्रैक्टिस कर सकती।

इधर, जिस बैकरी में शबनम काम करती हैं, वहां के मैनेजर किशोर कुमार का कहना है कि, जब इनका मैंने इंटरव्यू लिया था, तभी मुझे पता चल गया था कि, यह नेशनल प्लेयर है। ऐसे में हम लोग इनका सम्मान का पूरा ध्यान रखते हुए, इन से काम लेते हैं। क्योंकि इनकी माली हालत बहुत ही खराब है, जिसके कारण लोग लॉकडाउन में भी इनको ज्यादा से ज्यादा काम देकर हमने इनकी मदद करने की कोशिश की।

वहीं, हैंडबॉल की नेशनल प्लेयर और शबनम की साथी गुड्डी कुमारी ने कहा कि, शबनम की स्थिति बहुत ही दयनीय है। ऐसे में, अगर सरकार के तरफ से कोई मदद शबनम को हो जाती है तो, यह बहुत अच्छा होता।

क्योंकि हम लोग देश के लिए खेलना चाहते हैं। हमारी मंशा यह होती है कि, हम खेल में अच्छा से अच्छा प्रदर्शन करें, लेकिन जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है, वह अच्छा प्रदर्शन कैसे कर पाएंगे।

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