रांचीः BJP के विश्वास रैली को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सुपर फ्लॉप बताया है. जेएमएम का कहना है कि 50 हजार लोगों को जुटने का दावा किया गया था जबकि वास्तव में महज 5 हजार लोग ही रैली में पहुंचे थे. उसमें भी ज्यादा संख्या कलाकारों और सुरक्षाकर्मियों की थी. झामुमो पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पर्यावरण दिवस के दिन जनजातीय समाज पर्यावरण की रक्षा और उसके संवर्धन में सबसे ज्यादा योगदान देता है. आदिवासी समाज में प्रकृति की पूजा भी होती है, प्रकृति की उपासना होती है और प्रकृति के नाम पर ही उनका जीवनयापन कर उनके गोत्र का भी नाम होता है.
आज धरती आबा बिरसा मुंडा विश्वास रैली के नाम पर भारतीय जनता पार्टी का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. लेकिन उसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 35 से 40 मिनट के भाषण में उनके शब्दों में आदिवासी तो था आदिवासी की संस्कृति नहीं थी. उन्होंने आदिवासियों के देश के प्रति समर्पण की बात तो कही लेकिन उनकी पहचान को छुपा लिया. सुप्रियो भट्टाचार्याने कहा कि अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम 36 हजार आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत कवर होगा. लेकिन यह नहीं बताया कि अगर आदि आदर्श ग्राम होगा आदि धर्म सरना क्यों नहीं रहेगा. झामुमो नेता ने कहा कि बीजेपी के किसी भी नेता के मुंह से क्यों नहीं निकला राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया सरना धर्म कब लागू होगा.
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दो पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष सिर्फ हेमंत सोरेन, हेमंत सोरेन का नाम जपने लगे. आदिवासी समझ गया है कि उसकी पहचान के साथ जो खेलने वाले लोग हैं उसको कैसे राजनीतिक तौर पर हाशिए पर रखा जाए. इसलिए उनको अब विश्वास दिलाने के लिए आना पड़ेगा. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि मंच से भाजपा के किसी नेता ने झारखंड के आदिवासियों के संबोधन जोहार तक नहीं बोला जबकि जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ के संबोधन जय जोहार बोलकर साबित कर दिया कि राज्य के जनजातीय समाज से कोई मतलब नहीं है.