रांची। झारखंड में टाईगर के नाम से मशहूर जगरनाथ महतो झारखंड मुक्ति के कद्दावर नेताओं में शामिल थे। गिरिडीह के डुमरी विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक चुने गए।
झारखंड के शिक्षा मंत्री रहे जगरनाथ महतो का बचपन गरीबी में बीता। उनके परिवार की स्थिति ऐसी नहीं कि वो पढ़ाई पूरी कर सकें। प्राइमरी की पढ़ाई के बाद मैट्रिक पास करने से पहले ही उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। ये वहीं समय था जब झारखंड में आंदोलन जोर पकड़ रहा था। उन पर विनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन का गहरा असर हुआ. इसके बाद वो आंदोलन में शामिल हो गए।
इसी दौरान उन्होंने समय निकालकर पढ़ाई भी और साल 1995 में उन्होंने 28 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद वो फिर से पढ़ाई छूट गई. जब उन्हें सूबे का शिक्षा मंत्री बनाया गया तो उन्होंने मंत्री पद ग्रहण करने के बाद 12वीं क्लास में एडमिशन लिया।
दरअसल, शपथ ग्रहण के दौरान कुछ व्हाइट कॉलर वाले लोगों ने उन पर छींटाकशी की थी, ये बात उन्हें अच्छी नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने की ठानी। उन्होंने बोकारो जिले के नवाडीह में मौजूद देवी प्रसाद मेमोरियल इंटर कॉलेज में दाखिला लिया। बताया जाता है कि इस कॉलेज को उन्होंने ही खुलवाया था। यहां उन्होंने राजनीतिक विज्ञान के विषय को चुना और 54-55 साल की उम्र में 12वीं में एडमिशन लिया था।
एक किसान परिवार में जगरनाथ महतो का जन्म वर्ष 1967 में हुआ था। राजनीति में जगरनाथ महतो ऐसी शख्सियत थे जिनका पक्ष और विपक्ष दोनों सम्मान करता था। डुमरी विधानसभा क्षेत्र जहां से वे जीतते आये थे, वहां वे इतने लोकप्रिय थे कि लगातार चौथी बार क्षेत्र की जनता ने उन्हें वहां से जिताकर विधानसभा भेजा था। आज यानि 06 अप्रैल को जगरनाथ महतो का चेन्नई में इलाज के दौरान निधन हो गया।