रांची। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड), चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) व राज्य बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से रांची और जमशेदपुर में जेजे बोर्ड में स्थाई प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के संबंध में जवाब मांगा है. मामले में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि राज्य में जेजे बोर्ड में कुल 3691लंबित केस है। इनमें से जेजे बोर्ड में सबसे ज्यादा केस रांची में 433 एवं जमशेदपुर में 561 हैं।

प्रार्थी का कहना है कि राज्य में जेजे बोर्ड में अभी जो मजिस्ट्रेट का काम कर रहे हैं वह आधे समय जेजे बोर्ड में रहते हैं और आते समय में सिविल कोर्ट में कार्य करते हैं. जिससे जेजे बोर्ड का काम प्रभावित होता है। इसलिए राज्य के जेजे बोर्ड में स्थाई प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाए. जिस पर कोर्ट ने रांची और जमशेदपुर में स्थाई प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले में बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी ने पैरवी की।

उल्लेखनीय है कि खंडपीठ को पूर्व में बताया गया था कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) व सीडब्ल्यूसी अधिकतर पदों पर नियुक्ति कर दी गयी है, लेकिन अब भी कई पद खाली हैं. वहीं राज्य बाल संरक्षण आयोग में अध्यक्ष व सदस्य का पद कई वर्ष से खाली हैं. पद खाली रहने के कारण आयोग सही तरीके से काम भी नहीं कर पा रहा है. प्रार्थी चंदन सिंह, बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गयी है।

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