रांची । झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्या मामले में सजायाफ्ता विकास तिवारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। विकास तिवारी की ओर से अपील दायर कर निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। साथ ही जमानत की गुहार लगाई थी।
उल्लेखनीय है कि हजारीबाग की निचली अदालत ने विकास तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अंतिम सांस तक जेल में रहने का आदेश दिया है। एडीजे-6 अमित शेखर की अदालत ने हजारीबाग कोर्ट कैंपस में 2 जून, 2015 को हुई बहुचर्चित सुशील श्रीवास्तव हत्या मामले में 22 सितंबर, 2020 को फैसला सुनाया था। अदालत ने पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी, उसका करीबी सहयोगी संतोष देव पांडेय को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है।
इस हत्याकांड में शामिल रहे पांडेय गिरोह के विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडेय और दिलीप साहू को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी। साथ ही आईपीसी की विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनायी गयी थी। यह भी कहा गया था कि सभी धाराओं की सजा एक के बाद एक चलेंगी। इससे पहले 11 सितंबर, 2020 को इस मामले में पांचों आरोपितों को दोषी करार दिया गया था। प्रार्थी की ओर से इंद्रजीत सिन्हा और समावेश भंज देव ने पैरवी की।