Joharlive Team
रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंद को भी राशन देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड सरकार को कहा है कि वह ऐसी व्यवस्था करें ताकि इस विकट परिस्थिति में राज्य के हर जरूरतमंद तक राशन आसानी से पहुंच जाए। ताकि लोगों में भूखे मरने की कोई समस्या न हो। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार को दिल्ली सरकार का उदाहरण देते हुए कहा है कि दिल्ली में जिस तरह से इस विकट परिस्थिति में कूपन के माध्यम से प्रत्येक जरूरतमंद तक राशन पहुंचाया जा सकता है। उसी तरह राज्य सरकार भी कोई ऐसी व्यवस्था करें जिससे राज्य के प्रत्येक जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए घोषणा महज कागजी घोषणा बनकर न रह जाए। इसलिए कोई सक्षम व्यवस्था करें ताकि जरूरतमंदों तक सुविधा पहुंच सके। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने अदालत को बताया कि कोरोना की इस विकट परिस्थिति में जहां देश में लॉकडाउन है, कहीं-कहीं कर्फ्यू है। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा घोषणा की गई है कि सभी को राशन दिया जाएगा लेकिन यह घोषणा महज कागजी है। क्योंकि उसे कहां राशन मिलेगी जिन्हें,राशन कार्ड नहीं है। इसके लिए कोई उपाय नहीं किया गया है। उन्होंने आॅनलाइन आवेदन भी जरूरतमंदों से मांगा है। इस विकट परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब कैसे आॅनलाइन अप्लाई करेंगे। उसके बाद कब उन्हें किस तरह से राशन मिलेगा। इसके लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। इसलिए अदालत सरकार को इस तरह की व्यवस्था करने का आदेश दें।अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए सरकार को प्रत्येक जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा है। अदालत ने मामले राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
बता दें कि याचिकाकर्ता राजन कुमार सिंह ने कोरोना कि इस वैश्विक महामारी में लोगों के समक्ष भुखमरी की नौबत आने के कारण राइट टू फुट के तहत बिना राशन कार्ड वाले को भी सरकारी राशन उपलब्ध कराने को लेकर जनहित याचिका दायर की है। उसी जनहित याचिका पर 22 अप्रैल बुधवार को मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। वही सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अपने आवास से मामले में पक्ष रखा।मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।