रांची। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की अदालत ने सोमवार को बालू लदे ट्रैक्टर को छोड़ने के एक मामले में 28 फरवरी को सुबह 10:30 बजे डीएफओ, हजारीबाग एवं माइनिंग ऑफिसर, हजारीबाग को हाईकोर्ट में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है। मोहम्मद हाशिम अंसारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में हजारीबाग में हाशिम अंसारी समेत चार लोगों के बालू लदे ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया था, जिसे लेकर एक केस भी रजिस्टर हुआ था। इसी को लेकर मोहम्मद रोउफ एवं याचिकाकर्ता मोहम्मद हाशिम अंसारी दोनों ने अलग-अलग रिवीजन याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की थी। इस पर मोहम्मद रोउफ के मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए डीएफओ, हजारीबाग को कहा था कि अगर याचिकाकरत के ट्रैक्टर जब्ती मामले में प्रोसीडिंग शुरू नहीं हुआ है तो इस पर आर्डर पास किया जाए। इसके बाद के मोहम्मद रोउफ के ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया था। दूसरी ओर हाशिम अंसारी के मामले में कहा गया कि इनके ट्रैक्टर की जब्ती प्रोसीडिंग 2018 में चालू हो गई थी और इनके ट्रैक्टर को नहीं छोड़ा गया।
याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी की ओर से अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने पैरवी करते हुए कहा कि एक आदमी के जब्त ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया और वहीं दूसरे व्यक्ति के ट्रैक्टर को क्यों नहीं छोड़ा गया, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए डीएफओ, हजारीबाग और माइनिंग ऑफिसर , हजारीबाग से पूछा है कि पांच साल से ज्यादा समय तक इस मैटर को लेकर वे बैठे हुए हैं, एक्शन क्यों नहीं लिया गया। एक आदमी के ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया और दूसरे आदमी के ट्रैक्टर को नहीं छोड़ा गया, इसे स्पष्ट करें।