रांची। हजारीबाग के 38 कैदियों द्वारा सजा से छूट देने का आग्रह मामले में कोर्ट के स्वतः संज्ञान की सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि इन कैदियों के सजा से छूट के मामले में क्या विचार किया गया है। इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल कर अगली सुनवाई में को अवगत कराएं। कोर्ट ने मामले में अधिवक्ता एके दास को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।

दरअसल, हजारीबाग के 38 कैदियों ने पत्र लिखकर चीफ जस्टिस से आग्रह किया था कि उन्हें समय पूर्व छोड़ने पर राज्य सरकार रिव्यू करें ओर रेमिशन बोर्ड की बैठक में उनके मामले को रखा जाए।

जिसे उन्हें अच्छे आचरण के लिए समय पूर्व सजा से रिहा किया जाए। बता दें कि हजारीबाग के 38 कैदियों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर उन्हें अदालत से मिली सजा से पहले छोड़ने का आग्रह किया था। जिस पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदला था।

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