रांची: टेरर फंडिंग के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने आरोपी विनीत अग्रवाल और अमित अग्रवाल को जमानत दे दी है. अदालत के इस आदेश से आरोपी को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने यह माना कि आरोपी ने पैसा दिया है लेकिन अपना व्यवसाय चलाने के लिए दिया. इसलिए इन्हें जमानत दी जा सकती है. बता दें कि पूर्व में प्रार्थी अमित अग्रवाल उर्फ सोनू अग्रवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मनिंदर सिंह, झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, ऋषभ कुमार और अर्पण मिश्रा ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा था. अदालत ने सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था. इसी पर सोमवार 18 अप्रैल को अदालत ने फैसला सुनाया. इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश आर मुखोपाध्याय और न्यायाधीश राजेश कुमार की बेंचने सोनू अग्रवाल और विनीत अग्रवाल के खिलाफ पीड़क कारवाई पर रोक के आदेश को अगले आदेश तक बढ़ा दिया था. वहीं इससे और पहले सोनू अग्रवाल ने रांची एनआईए की विशेष कोर्ट में भी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी.
जिसपर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल को अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी थी. उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर कर जमानत की गुहार लगाई थी. उसी याचिका पर 18 अप्रैल सोमवार को फैसला आया है. बता दें कि मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में लोडिंग एवं खनन के लिए कार्य कर रही कंपनियों पर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने समेत कई आरोप लगे हैं. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए कर रही है. वहीं रांची एनआईए की विशेष अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान को चुनौती देते हुए आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए एक याचिका दाखिल की थी. जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हालांकि इसी मामले के आरोपी दिनेश केडिया को देश की शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी है.