रांची। स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव एवं मरम्मत में 20.87 करोड़ रुपये के हुए घोटाला मामले में झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष शिवेंद्र नाथ वर्मा की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा उनके डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज कर दिए जाने को चुनौती वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गोतम कुमार चौधरी की कोर्ट ने शिवेंद्र नाथ वर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। पूर्व में सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, सीबीआई ने इस घोटाले में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), भोपाल के तीन वरीय पदाधिकारी एवं जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष शिवेंद्र नाथ वर्मा समेत 7 लोगों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट ने 17 जनवरी 2023 को आरोप गठित किया था।इसके पहले सीबीआई कोर्ट ने शिवेंद्र नाथ वर्मा के डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज कर दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनोती दी है. इस मामले में सीबीआइ ने दो जून 2016 को कांड संख्या 7 / 2016 दर्ज करते हुए जांच प्रारंभ की थी।
यह है पूरा मामला
स्वर्ण रेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए वर्ष 2011-12 में टेंडर निकाला गया। टेंडर में न्यूनतम 59.75 लाख रुपये एवं अधिकतम 20.87 करोड़ रुपये का आवेदन आया। जेएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष एवं भेल के तीनों वरीय पदाधिकारियों ने आपराधिक साजिश एवं पद का दुरुपयोग करते हुए टेंडर सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी को काम दे दिया. जबकि कम दर वाली कंपनी ने भी निविदा भरी थी, वही, रखरखाव एवं मरम्मत में अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये खर्च किया जाना था।