रांची। झारखंड हाई कोर्ट में रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण एवं शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार और नगर निगम को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी समेत अन्य जलस्रोतों के आसपास यदि कोई अतिक्रमण है तो उसे अविलंब हटाया जाए। साथ ही इन जलस्रोतों में सॉलिड एंड लिक्विड कचरा जाने से रोकने की भी समुचित व्यवस्था की जाए।
कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार एवं रांची नगर निगम को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही अगली सुनवाई में नगर आयुक्त को वर्चुअल रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने की बात कही है। मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश ने पैरवी की।
सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से एलसीएन शहदेव ने कोर्ट को बताया कि नगर निगम क्षेत्र में आने वाले वाटर बॉडी के आसपास अतिक्रमण हटाने को लेकर कई पहल की गई है। साथ ही इन वाटर बॉडी में किसी तरह का गंदगी ना जाए इसे लेकर पम्फलेट बांटकर, विज्ञापन के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया गया है। बड़ा तालाब में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल वर्क करीब 65 फीसदी हो चुका है और मैकेनिकल कार्य भी करीब 35 फीसदी कार्य हो चुका है। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह का समय राजधानी के जल स्रोतों जैसे कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी के अलावा बड़ा तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटाने को कहा था। साथ ही अतिक्रमण नहीं हटने पर कोर्ट ने कड़ा आदेश पारित करने की बात भी कही थी।