रांची। जंगल की जमीन एवं सरकारी जमीन की खरीद बिक्री की जांच कराने को लेकर कृषि ज्ञान संस्था के डॉक्टर लाल राजीव रंजन नाथ शहदेव की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 27 जून निर्धारित की है।
प्रार्थी की ओर से ज्ञानरंजन नाथ शहदेव ने पैरवी की। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कुछ प्राइवेट कंपनियों (इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड वेदांता, जीवीके पावर आदि) और कुछ व्यक्तियों के द्वारा राज्य में जंगल एवं सरकारी भूमि को खरीद बिक्री की गई है और जमीन का अतिक्रमण किया गया है, जो नियम विरुद्ध है।
इसकी जांच कराई जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से राज्य के फॉरेस्ट का ओडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य को 30 सितंबर 2002 तक के तय समय सीमा में जंगल से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। परंतु 20 वर्ष होने के बाद भी जंगल से अतिक्रमण नहीं हटाया गया और राज्य में 62952 एकड़ जंगल में निजी कंपनी और अतिक्रमणकारियों के द्वारा रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन को खरीद लिया है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया एवं राज्य सरकार के कुल फॉरेस्ट एरिया में लगभग 2.5 लाख का अन्तर है।