रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को चाईबासा में मनरेगा घोटाला कि सीबीआई जांच को लेकर मतलूब आलम की जनहित याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि इससे संबंधित मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में जो प्राथमिकी दर्ज की गई थी उसकी वर्तमान में जांच की क्या स्थिति है। कोर्ट ने 10 दिनों में सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से कोर्ट को बताया कि वित्तीय वर्ष 2008-9, 2009-10, 2010-11 में चाईबासा में करीब 28 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला हुआ है। इसे लेकर चाईबासा में पुलिस ने 14 एफआईआर दर्ज की थी। बाद में एसीबी ने मामले में भी पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
चाईबासा में तीन वित्तीय वर्षों में मनरेगा कार्यों में अग्रिम राशि का भुगतान तो कर दिया गया था लेकिन कोई काम धरातल पर नहीं हुआ था। चाईबासा में मनरेगा में घोटाला की जांच को लेकर याचिकाकर्ता ने वर्ष 2013 में जनहित याचिका दाखिल की थी। बाद में कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया था। इसके बाद में याचिकाकर्ता ने वर्ष 2021 में फिर से जनहित याचिका दाखिल कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।