Joharlive Team
रांची। झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि जीवन के साथ जीविका भी चाहिए, आधुनिक परिस्थिति में जीविका के बिना जीवन पर भी संकट आ जाना स्वभाविक है,ऐसी स्थिति में आर्थिक गतिविधियों को तेज गति देने की भी कोशिश निरंतर जारी है।
डाॉ उरांव ने मंगलवार को कंट्रोल रुम में राहत निगरानी समिति की बैठक के दौरान बातचीत में कहा कि लाॅकडाउन-3 के बाद कुछ अन्य रियायत और छूट देने के संबंध में प्रधानमंत्री का निर्देश सुनने के बाद उसी अनुरूप झारखंड सरकार फैसला लेगी। राहत निगरानी समिति की बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू ,सन्नी टोप्पो मुख्य रुप से उपस्थित थे। डॉ उरांव ने कहा कि लॉकडाउन-3 की अवधि 17मई को समाप्त हो रही है, संभवतः 16-17 मई तक प्रधानमंत्री या केंद्र सरकार द्वारा कुछ नयी रियायतों को लेकर घोषणा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से पहले ही मनरेगा योजनाओं और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन को लेकर बड़ी पहल की गयी थी, इन योजनाओं की मदद से लोगों को अपनी जीविका चलाने में सहुलियत भी हुई। केंद्र सरकार की ओर से निर्माण कार्यां में भी छूट दी गयी थी, लेकिन निर्माण कार्य के लिए जरूरी सीमेंट और छड़ को लेकर कठिनाई हुई, अब और अधिक छूट मिलने की उम्मीद है,ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके। हालांकि इन छूट के बावजूद आवश्यक एहतियात बरतना जरुरी है।
उन्होंने कहा कि कल-कारखानों को खोलने को लेकर भी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप कई प्रकार की छूट मिली है, लेकिन कई छोटे कल-कारखाने चलाने वाले लोग उनके पास भी आ रहे है और यह बता रहे है कि जो शर्ते निर्धारित की गयी है, जिसके तहत सभी कामगारों को परिसर में ही रखने और खाने-पीने की व्यवस्था करनी होगी, छोटे स्थान पर यह संभव नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी प्रधानमंत्री से बात की है और समस्या की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।
वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आने वाले समय में ग्रीन जोन में तो कोई दिक्कत नहीं होगी, ऑरेंज जोन में भी कोई खास परेशानी नहीं होगी, लेकिन रेड जोन और कंटेनमेंट एरिया में पूरी छूट नहीं दी जा सकती है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रवासी कामगारों की घर वापसी के लिए प्रयासरत है, सरकार अपने संसाधनों के माध्यम से तमिलनाडु और गुजरात के सूरत समेत अन्य शहरों में फंसे लाखों प्रवासी श्रमिकों को बस के माध्यम से वापस नहीं ला सकती, लोगों की घर वापसी की इच्छा है, केंद्र सरकार को और अधिक संख्या में ट्रेन का परिचालन शुरू करना चाहिए।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से झारखंड समेत अन्य कांग्रेस शासित एवं पार्टी के समर्थन से चल रही राज्य सरकारों के साथ भेदभाव करने की बजाय संकट की घड़ी में खुले हृदय से सहयोग करें।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को कृषि आशीर्वाद योजना फिर से शुरू करने के पहले यह समझना चाहिए कि आज कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरी दुनिया में संकट की स्थिति है, यह झारखंड सरकार सरकार की प्रबंधकीय क्षमता का परिणाम है कि मुश्किल की घड़ी में ही सभी जरूरतमंद परिवारों को अनाज मिल पा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए भी आवश्यक प्रबंध किये गये है। उन्होंने कहा कि इस संकट के बावजूद केंद्र सरकार से अब तक झारखंड को कोई विशेष सहायता नहीं मिल पायी है, जीएसटी का भी हजारों करोड़ रुपये बकाया है, ऐसी स्थिति में भाजपा नेता रघुवर दास को केंद्र सरकार से यह मांग करनी चाहिए कि कृषि आशीर्वाद योजना या अन्य किसी योजना के नाम से तत्काल किसानों के बैंक खाते में सहायता राशि उपलब्ध कराने का काम करें, सुझाव देना आसान है,पूर्व मुख्यमंत्री अगर सही में किसानों के हितैषी हैं तो केन्द्र सरकार से सीधे किसानों के खाते में पैसा डलवाने का काम करे बिना किसी बिचैलियों के।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह समेत अन्य नेताओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए मनरेगा योजनाओं के लिए अधिक से अधिक राशि आवंटित करने और सूक्ष्म, लघु, मध्यक्ष उद्योगों को विशेष रियायतें देने की मांग की है। सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में मनरेगा मजदूरी दर में बढ़तोत्तरी, श्रम दिवस में वृद्धि और जीएसटी का बकाया भुगतान जल्द करने की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि अब भी झारखंड के लाखों प्रवासी कामगार और अन्य नागरिक देश के दूसरे हिस्सों में फंसे है, इन सभी की घर वापसी सुनिश्चित कराने के साथ ही वापस लौटे लोगों को काम देने, ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन करने, किसानों को मदद पहुंचाने, सूक्ष्म-लघु उद्यमियों को आर्थिक सहायता और ऋण मुहैय्या कराने के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहयोग की जरूरत की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार यदि समय रहते इन सभी वर्गां के लिए विशेष पैकेज और नई योजनाओं की घोषणा नहीं करती है, तो देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
एक प्रश्न के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष डॉ उराॅंव ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गयी कमिटियाॅं रेलवे मंत्रालय से बात करके सभी शहरों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बात हो रही है। अभी 15 जोड़ी टेªेन मिली है। हमलोगों ने रेलवे से मांग की है कि अधिक से अधिक मजदूरों को लाने के लिए देश के प्रमुख शहरों से टेªन चलायी जाय। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर भारत सरकार अगर टैक्स नहीं लेगी, तो पेट्रोल-डीजल की कीमत 35 रूपैया लीटर की दर से आम जनों को मिल सकेगा।