रांची। झारखंड सरकार ने विधि विभाग के कोर्ट फीस अधिनियम 2021 का संशोधित प्रस्ताव राज्यभर में लागू कर दिया है। इस संबंध में राज्यपाल रमेश बैस की सहमति के बाद गजट प्रकाशित कर दिया गया है। अब कोर्ट फीस के तहत उत्तराधिकारी प्रमाण की राशि में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गयी है। न्यूनतम 500 रुपये से अधिकतम तीन लाख रुपये तक इसमें शुल्क लिये जायेंगे। राज्य के एक न्यायालय से दूसरे कोर्ट में रिकॉर्ड या अभिलेख मंगाने के लिए आवेदन शुल्क 50 रुपया लिया जायेगा। भारतीय विवाह विच्छेद के लिए आवेदन देने पर 100 रुपये लिये जायेंगे। हाईकोर्ट में शपथ पत्र दायर करने के लिए 30 रुपये और अन्य न्यायालयों के लिए 20 रुपये लिये जायेंगे।
उच्च न्यायालय में वकालतनामा दायर करने के लिए अब 50 रुपये शुल्क लगेगा, जबकि निचली अदालत में यह शुल्क 30 रुपये होगा। किसी आदेश का नकल निकालने के लिए 10 रुपये प्रति पृष्ठ के हिसाब से पैसे लिये जायेंगे। कैविएट शुल्क की दर 100 रुपये निर्धारित कर दी गयी है। किसी भी आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए पांच सौ रुपये लिये जायेंगे। सिविल प्रक्रिया 1908 के अधीन न्यायालय की राय लेने के लिए दो सौ रुपये देने होंगे। पारसी समुदाय में विवाह विच्छेत के लिए पांच सौ रुपये ज्ञापन देने के नाम पर लिये जायेंगे।