रांची। झारखंड सरकार ने 26 वर्षों से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले तत्कालीन कनीय अभियंता विजय कुमार शर्मा को बर्खास्त कर दिया है। जल संसाधन विभाग के अवर सचिव प्रेम कुमार राय ने बताया कि कई बार विजय कुमार शर्मा से स्पष्टीकरण पूछा गया। पर उनके द्वारा सकारात्मक उत्तर नहीं दिया गया। दो बार उनसे जवाब मांगने के बाद कनीय अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी संचालित की गयी।
लंबी अवधि तक लगातार बिना छुट्टी की स्वीकृति के कार्य से उन्हें अनुपस्थित रहने का प्रमाण सही साबित हुआ। यह भी कहा गया कि अवकाश से संबंधित कनीय अभियंता द्वारा भेजे गये आवेदन की कॉपियां आज तक मुख्यालय में प्राप्त नहीं हुई। जबकि कनीय अभियंता ने अपने जवाब में कहा कि वे लंबे समय से बीमार हैं और अवकाश का आवेदन भी दिया है। विभागीय जांच समिति ने जांच करने के बाद झारखंड सरकारी सेवक नियमावली 2016 के अंतर्गत कनीय अभियंता को सेवा से बर्खास्त किये जाने कीअनुशंसा की थी।
जांच समिति ने कहा कि विभागीय आदेश के बाद भी कनीय अभियंता ने सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं किया। यह आदेश की अवहेलना, कदाचार और अनुशासनहीनता है. कनीय अभियंता पहली बार एक अक्तूबर 1996 से तीन फरवरी 2005 तक अनुपस्थित रहे, वहीं दूसरी बार 23 जुलाई 2005 से लेकर अब तक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। यह स्वेच्छाचारिता का प्रदर्शन है और झारखंड सेवा संहिता के नियम 76 का उल्लंघन भी है. जांच पदाधिकारी ने यह आरोपों को सही पाया। वहीं कनीय अभियंता के द्वारा किये गये बचाव से संबंधित बयान की भी जांच समिति ने समीक्षा की। जांच पदाधिकारी ने यह पाया कि जो बयान बचाव के रूप में दिये गये हैं, वह प्रमाणिक नहीं हैं।