रांची: झारखंड सरकार ने नई उत्पाद नीति काे मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने उत्पाद विभाग की चार नीतियाें पर मुहर लगाई। इसके मुताबिक थाेक शराब का काराेबार निजी हाथाें में ही रहेेगा। जबकि खुदरा काराेबार झारखंड राज्य विवरेज काॅरपाेरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से हाेगा, यानी फिर से सरकार ही शराब बेचेगी। नई नीति एक मई से लागू हाे सकती है। सरकार ने वर्तमान नीति काे 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। बैठक के बाद उत्पाद सचिव विनय कुमार चाैबे ने बताया कि नीति में बदलाव और राजस्व बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग काॅरपाेरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) काे कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था। उसकी अनुशंसा पर गोदामों की संख्या घटाई जाएगी।

73 की जगह अब हर प्रमंडल में एक यानी कुल पांच गाेदाम हाेंगे। टेंडर के माध्यम से चयनित पांच थाेक व्यवसायी अपनी शराब रखेंगे। ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम भी लागू हाेगा। उल्लेखनीय है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में 2017 के दौरान शराब की सभी रिटेल दुकानें विवरेज कॉरपोरेशन द्वारा चलाए जाने की नीति बनी थी।

खुदरा शराब दुकानों की संख्या 750 से बढ़ाकर 1500 की जाएगी

चौबे ने बताया कि दुकानों की संख्या को भी 750 से बढ़ा कर 1500 किया जा रहा है। साथ ही अगले तीन वर्ष में राजस्व को 3000 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

देसी शराब की बिक्री नियमावली में भी बदलाव किया गया है। इसके बोतल भी विदेशी शराब की तरह 180 एमएल, 360 एमएल और 750 एमएल की होंगी। देसी और मसालेदार शराब अब प्लास्टिक के पाउच की जगह बोतल में बिकेंगी।

सदस्य राजस्व पर्षद की आपत्ति के बाद सरकार ने ये किए बदलाव

  • सदस्य राजस्व पर्षद की आपत्ति के बाद नई उत्पाद नीति में 2300 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को बढ़ाकर 3000 करोड़ किया गया है।
  • थोक बिक्री के लाइसेंस के लिए अनुभव मात्र छह माह था। इसे 2 साल किया गया है।
  • सदस्य राजस्व पर्षद ने लिखा था कि कोरोना काल के राजस्व को आधार बनाकर लक्ष्य तय करना उचित नहीं है। वर्ष 2019-20 में 2084 करोड़ का राजस्व आया था, 10% भी ग्रोथ रखें, तो 2600 करोड़ होना चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

  • राज्य में नगरपालिका परिषदों की बैठक के लिए कार्य संचालन नियमावली को स्वीकृति।
  • जमशेदपुर के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल को बर्खास्त करने की मंजूरी।
  • अन्य जिलों की तरह गिरिडीह जिले के ग्राम प्रधानों को भी 1000 रुपए मासिक सम्मान राशि देने का फैसला।
  • नए प्रखंड सरयू का मुख्यालय लातेहार अनुमंडल होगा।
  • बीएयू के शिक्षक, वैज्ञानिक व अन्य को एक अप्रैल 2016 से सातवां वेतनमान देने की स्वीकृति।
  • मुरारी भगत को 24 दिसंबर 2019 की तिथि से अभियंता प्रमुख, अपर आयुक्त सह विशेष सचिव का पद देने की मंजूरी।
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