देश के 9 राज्य सचिवों और 68 जिला कलेक्टरों को प्रदान किया गया भूमि सम्मान
नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में भूमि सम्मान 2023 प्रदान किए। यह पुरस्कार उन नौ राज्य सचिवों और 68 जिला कलेक्टरों को उनकी टीमों के साथ प्राप्त हुए, जिन्होंने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के मुख्य घटकों की संतृप्ति हासिल करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। जिसमें झारखंड को भी भूमि सम्मान मिला।
लोहरदगा समेत कुल 9 जिला हुए सम्मानित
झारखंड के लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम जिला समेत कुल 9 जिलों को यह सम्मान मिला है। लोहरदगा जिला की ओर से उपायुक्त डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण, उप विकास आयुक्त समीरा एस और जिला पंचायती राज पदाधिकारी पवन कुमार ने यह सम्मान ग्रहण किया। सम्मान के रूप में प्लैटिनम ग्रेडिंग सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। जिला को यह सम्मान डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) में सौ फीसदी पूर्णता हासिल करने के लिए दिया गया है।
देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण- राष्ट्रपति
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्रामीण विकास में तेजी लाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण एक बुनियादी आवश्यकता है, क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कल्याणकारी योजनाओं में मिलेगी मदद
राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से देश के विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसके जुड़ाव से कल्याणकारी योजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। बाढ़ और आग जैसी आपदाओं के कारण दस्तावेजों के नुकसान की स्थिति में भी यह बहुत मददगार होगा।
जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत, एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है, जो आधार कार्ड की तरह उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह संख्या भूमि के समुचित उपयोग के साथ-साथ नई कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और लागू करने में मदद करेगी। ई-कोर्ट को भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से कई लाभ होंगे। डिजिटलीकरण से जो पारदर्शिता आ रही है, उससे जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।
डिजिटलीकरण से जमीन विवाद को सुलझाने में मिलेगी मदद
राष्ट्रपति ने कहा कि भूमि संबंधी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे। उदाहरण के लिए इससे भूमि के स्वामित्व और उपयोग से संबंधित विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी जमीन से जुड़े विवादों में उलझी हुई है और इन मामलों में प्रशासन और न्यायपालिका का काफी समय बर्बाद होता है। डिजिटलीकरण और सूचना के जुड़ाव के माध्यम से लोगों और संस्थानों की ऊर्जा, जो विवादों को सुलझाने में खर्च होती है, का उपयोग विकास के लिए किया जाएगा।