Jharkhand Foundation Day: आज झारखंड राज्य के गठन के 24 साल पूरे हो गए हैं, और राज्यभर में इस अवसर पर झारखंड स्थापना दिवस के साथ-साथ आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. हर साल 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है, जो बिरसा मुंडा की जयंती से जुड़ा है. इस दिन को आदिवासी समाज विशेष रूप से श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाता है, क्योंकि बिरसा मुंडा को उनके संघर्षों और बलिदान के लिए भगवान के रूप में पूजा जाता है.
आदिवासी संघर्ष से लेकर बिहार से अलग राज्य बनने तक की लंबी यात्रा
झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था, जब इसे बिहार से अलग करके एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया गया. यह दिन उस समय के आदिवासी संघर्ष और राज्य के गठन की लंबी यात्रा का प्रतीक है. झारखंड के गठन के पीछे की कहानी 1939 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा के विचार से जुड़ी हुई है, जब उन्होंने बिहार के दक्षिणी जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाने की पहल की थी. इस विचार को 2000 में संसद में साकार किया गया, जब झारखंड राज्य का गठन हुआ और यह भारत का 28वां राज्य बना.
बिरसा मुंडा का संघर्ष और योगदान
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची जिले के खूंटी स्थित उलिहातू गांव में हुआ था. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लंबा संघर्ष किया और आदिवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई. उनकी बहादुरी और बलिदान के कारण वे आज भी आदिवासी समाज के नायक माने जाते हैं. 3 मार्च 1900 को बिरसा मुंडा को ब्रिटिश अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया, और 9 जून 1900 को रांची के कारागार में उनकी शहादत हो गई. झारखंड राज्य का गठन उनके संघर्ष की प्रेरणा पर आधारित था, और उनकी शहादत के शताब्दी वर्ष में राज्य का गठन हुआ.
राज्य के विकास में योगदान
झारखंड राज्य ने अपने 24 सालों के सफर में कई राजनीतिक उथल-पुथल देखी, लेकिन आज यह राज्य विकास के मार्ग पर अग्रसर है. झारखंड के पास खनिज संपदा की कोई कमी नहीं है, यहां अभ्रक, बॉक्साइट, कोयला, लौह अयस्क, तांबा, यूरेनियम जैसे बहुमूल्य खनिज पाए जाते हैं. यही कारण है कि राज्य देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राज्य के लोग भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जुटे हैं और उनके संघर्षों को याद कर रहे हैं. 24 वर्षों के सफर में झारखंड ने न केवल अपनी राजनीतिक पहचान बनाई है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक रूप से भी विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं.