रांची : झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ की ओर से आगामी 07 मार्च 2024 को अपनी पाँच सूत्री मांग को लेकर ऊर्जा निगम मुख्यालय धुर्वा के समक्ष घेराव व प्रदर्शन किया जाएगा. उक्त आशय की जानकारी देते हुए झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि ऊर्जा निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के नाम अपनी मांगो से संबंधित ज्ञापन निगम मुख्यालय को दिया गया है.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रसंग- उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार तथा नरेंद्र तिवारी एवं अन्य बनाम झारखंड सरकार के आदेशानुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मी को भी नियमित करने के संदर्भ निदेशक मंडल की 64वीं बैठक में दिनांक 6.2.2024 को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के कुल 70 एवं ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के 10 कर्मियों को कर्नाटक राज्य बनाम उमा देवी तथा नरेंद्र कुमार तिवारी एवं अन्य बनाम झारखंड सरकार के आदेश अनुसार नियमितीकरण के प्रस्ताव पर अंतिम रूप से अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है.

वर्ष 2007 से यह कर्मचारी आशातीत थे. संघ इसके लिए बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता है. परंतु, उपरोक्त विषय एवं प्रसंग के आलोक में कहीं ना कहीं इस अनुमोदन पर दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के साथ नाइंसाफी हुई है जहां आज कुल मिलाकर पूरे राज्य में लगभग 7000 दैनिक वेतन भोगी कार्यरत हैं.ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड एवं तीनों अनुषंगी कंपनियों में कार्य कुशलता दिखा रहे हैं जिसका परिणाम है कि विगत 6 माह में निगम की वित्तीय व्यवस्था का आंकड़ा भी पहले से काफी ऊपर आ चुका है.

यह वही कर्मचारी हैं जो लाइन मेंटेनेंस, 220/132KV,132/33 KV संचरण,  33/11KV वितरण में फील्ड की बिजली व्यवस्था, बिजली चोरों के ऊपर प्राथमिकी से लेकर अन्य सभी विभागीय कार्यों में सरकारी कर्मचारियों के साथ कदम से कदम मिलाकर बराबर ही कार्य करते हैं, जबकि तनख्वाह उससे आधी ही मिल पा रही हैं परंतु ऊफ तक नहीं करते हैं.

निगम एवं तीनों अनुषंगी कंपनियों की लगभग 80% व्यवस्था इन्हीं के कंधों पर टिकी हुई है फिर भी महाशय उस नियमितीकरण की सूची में एक भी दैनिक वेतन भोगी कर्मी का नाम नहीं है, आखिर ऐसा क्यों हुआ. श्रीमान जबकि शुरू से आंकड़ा देखा जाए तो कई मानव दिवसकर्मी 20 और 25 वर्षों से लगातार कार्यरत हैं.

आपके विभाग में वर्ष 2014 में बनी कमिटी द्वारा संपूर्ण राज्य के दैनिक  वेतन भोगीकर्मी की  गणना वाली फाईल उनके जॉइनिंग तिथि तथा पद के साथ प्रमाण स्वरूप आज भी विभाग में मौजूद है. आखिर यह मान्यवर आपका कैसा न्याय है?

श्रमिक संघ की मांगें :

(1) मान्यवर वर्ष 2014 के सर्वे में कार्यरत  दैनिक वेतन भोगी कर्मी जो वर्तमान में भी कार्यरत ही है को कर्नाटक तथा झारखंड हाईकोर्ट के जजमेंट के आधार पर 10 वर्ष वालों की सूची में शामिल  करते हुए सीधा  नियमित करने की कृपा किया जाए.

(2) मान्यवर समान काम का समान वेतन दिया जाए क्योंकि यह कर्मचारी भी सरकारी कर्मचारियों के बराबर ही कार्य करते हैं.

(3) मान्यवर झारखंड सरकार द्वारा लागू पारा टीचर के तर्ज पर 60 वर्षों तक के लिए ऊर्जा विकास निगम एवं अनुषंगी कंपनियों में भी में भी उम्र सीमा निर्धारित कर दी जाए ताकि कर्मचारी भयमुक्त होकर जिम्मेवारी के साथ निगम हित में कार्य कर सकें.

(4) मान्यवर वर्ष 2017 के बाद एजेंसी व्यवस्था की शुरुआत हुई जिसमें कर्मचारियों की हालत पहले से भी बद से बदतर होती चली गई यथाशीघ्र एजेंसी व्यवस्था समाप्त कर पूर्व की मानव दिवस व्यवस्था लागू की जाए.

(5) मान्यवर निगम एवं तीनों अनुषंगी कंपनियां एक स्वायत्त संस्था है जो निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं जिस प्रकार से प्रबंधक,कनीय प्रबंधक तथा लेखा विभाग के लिए आंतरिक बहाली निकाली गई है इसी प्रकार तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पद के लिए भी आंतरिक बहाली निकलते हुए पूर्व से कार्यरत  कुशल और अकुशल अंतिम कर्मियों तक को बहाल किया जाए,तभी जाकर ही बाहर के किसी भी अन्य को बहाल किया जाए. जिससे निगम हित में ट्रेनिंग करने के खर्च की भी बचत हो क्योंकि सब अपने आप में कार्य दक्ष एवं कुशाग्र है.

उपरोक्त मामलों को लेकर झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ दिनांक 7/3/2024 दिन गुरुवार को झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड मुख्यालय धुर्वा के समक्ष राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन करेगा और मांगे नहीं मानी गई तो हम कर्मचारियों के साथ मरता क्या ना करता की स्थिति है क्योंकि हम दैनिक वेतनभोगी 20-25 वर्षों से घुट घुट कर मर रहे हैं आगे किसी भी स्थिति के लिए जिम्मेवार प्रबंधन होगा.

 

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