Joharlive Team

रांची। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लागू किया हुआ है। इस कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया है। वहीं, इस दौरान ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन, ऐसे हजारों बच्चों भी हैं, जो इंटरनेट और फोन जैसी सुविधाओं से वंचित हैं। 

वहीं, ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए झारखंड के हुसैनाबाद प्रखंड के एक अध्यापक ने एक अनोखी पहल की है। हुसैनाबाद प्रखंड के नावाडीह के सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक विजय कुमार सिंह ने एक अनोखी पहल करते हुए इंटरनेट की सुविधा से वंचित बच्चों को गांव में ही पढ़ाने की योजना बनाई। 
कुमार ने बच्चों को पढ़ाने के लिए एक बगीचे को चुना, क्योंकि ज्यादा जगह होने से यहां सामाजिक दूरी के नियमों का आसानी से पालन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली बातचीत में बच्चों की पढ़ाई को लेकर चर्चा होती थी। बैठक में बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके खोजने की बात होती थी। 

कुमार ने बताया कि वहीं से यह विचार मेरे मन में आया और इस तरह मैंने हर रोज 20-20 बच्चों को दो-दो घंटे पढ़ाना शुरू किया। इसमें उनकी मदद एक अन्य शिक्षक भी कर रहे हैं। सहयोगी शिक्षक राम प्रसाद प्रजापति ने बताया कि कक्षाओं के हिसाब से समूह बनाकर इन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। 

प्रजापति ने बताया कि हर समूह के बच्चे को अलग-अलग दिन पढ़ाया जाता है, जिससे सभी बच्चों को बराबर पढ़ने का अवसर मिलें। 

वहीं, बताया गया कि स्कूल में 223 बच्चों में से केवल 10 बच्चे ही ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं। बगीचे में सुबह आठ बजे से 10 बजे तक कक्षाओं का आयोजन किया जाता है। यहां सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है। सभी बच्चों को साबुन से हाथ धुलवाने के बाद प्रार्थना कराई जाती है। फिर पढ़ाई की शुरुआत की जाती है।

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