Joharlive Team
रांची । सोमवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई। बैठक में नौ प्रस्तावों पर मुहर लगी। कोरोना संकट को देखते हुये राज्य के सभी लोगों को एक रुपये प्रतिकिलो ग्राम की दर से दो महीने तक राशन देने का फैसला लिया गया है। इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जो राशन कार्ड के लिए अप्लाई कर चुके हैं, मगर उनका राशन कार्ड नहीं बन पाया है।
झारखंड के बाहर फंसे मजदूर के परिवार को दो हजार रुपये व राज्य के परिवार को एक हजार रुपये क्षेत्र के विधायक की अनुशंसा पर दी जायेगी।
राज्य में कम बारिश की वजह से राज्य के सात जिलों के 55 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया गया। बोकारो, चतरा, पाकुड़, देवघर, गिरिडीह, गोड्डा और हजारीबाग जिले के 55 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया।
सोमवार को दोपहर तीन बजे से हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला नहीं लिया जा सका।इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के कोटे से मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, राजद के कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस के ही कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को मिलाकर मंत्रियों का एक समूह बना दिया है, जो लॉकडाउन बढ़ाना है या नहीं, इस पर विस्तार से चर्चा करेगी और फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी अनुशंसा करेगी, जिसके बाद ही किसी तरह का फैसला लिया जायेगा। इसके तहत कई सारे फैसले लिये गये है. इस बैठक में तय हुआ कि झारखंड कैबिनेट फैसला नहीं ले पायी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार की सुबह दस बजे देश को संबोधित करेंगे, जिसमें लॉकडाउन पर गाइडलाइन जारी होगा, उसके बाद ही झारखंड सरकार कोई फैसला लेगी।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पे-रोल पर छोड़ने को लेकर भी यहां चर्चा हुई। इस चर्चा के दौरान महाधिवक्ता को कैबिनेट की बैठक के दौरान ही बुलाया गया। इस दौरान राय ली गयी और कहा गया का कोरोना वायरस का काफी खतरा है। इस कारण रिम्स अस्पताल में इलाज के लिए लालू प्रसाद यादव को रखा नहीं जा सकता है।
कैबिनेट में लिये गये फैसले
झारखंड में जिन लोगों के पास राशन कार्ड है, जिन लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया है और जिनको राशन कार्ड नहीं मिल पाया है, उनको एक रुपयें में दस किलो प्रत्येक परिवार को चावल दिया जायेगा। जो लोग आवेदन जमा नहीं कर पाये है, वे लोग भी आवेदन दे सकते है, जिनको चावल मिलेगा। दस किलो चावल ऐसे लोगों को मिलेगा। इसके तहत कुल 6 लाख 97 हजार 443 परिवार लाभांवित हो रहे है।
कोरोना वायरस (कोविड-19 को देखते हुए सभी प्राथमिकता और अंत्योदय परिवार को अप्रैल 2020 और मई 2020 के लिए एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से अनाज दस किलो के हिसाब से दिया जायेगा। इसके अलावा वर्तमान में जितना नमक मिलता है, उसके अतिरिक्त एक किलो और आयोडीनयुक्त नमक दिया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए 10 करोड़ रुपये अनुपूरक बजट को भी मंजूरी दी गयी।
विधायकों के लिए भी गरीब कल्याण योजना लायी गयी है।इसके तहत कोविड-19 के तहत आर्थिक सहायता के लिए विधायकों को 25 लाख रुपये दिया जायेगा। इस राशि के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को एक हजार रुपये विधायक की अनुशंसा पर डीडीसी की ओर से एकाउंट में सीधे पैसा जायेगा। एक व्यक्ति को एक हजार रुपये दिया जायेगा। जिनके परिवार का व्यक्ति किसी और गांव में फंस गये है और काम करने वाला व्यक्ति किसी भी देश के हिस्से में फंसा है, उसको दो हजार रुपये विधायक की अनुशंसा पर दी जायेगी। इसके तहत विधायक पहले डीडीसी को अनुशंसा करेंगे और डीडीसी द्वारा डीबीटी के माध्यम से गरीबों को पैसा दिया जायेगा। एक विधायक 25 लाख रुपये तक यह राशि बांट सकता है।
झारखंड एपेडेमिक डसीज एक्ट 2020 को मंजूरी दी गयी।
वर्ष 2019 में मानसून का आगमन काफी देर से आया था। इस कारण झारखंड के सात जिलों के 55 प्रखंडों में सूखा की स्थिति आ गयी है। फसलों की बरबादी हो चुकी है। यह पाया गया है कि जून से अगस्त 2019 तक 530 मिलीमीटर बारिश होना था, जिसके बदले 333 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इसके तहत झारखंड के बोकारो, चतरा, पाकुड़, देवघर, गिरीडीह, गोड्डा और हजारीबाग जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया।
ऊर्जा विभाग द्वारा डीवीसी को 200 करोड़ रुपये देने के लिए झारखंड बिजली वितरण बोर्ड को यह राशि प्रदान की जायेगी।
झारखंड माल और सेवाकर कानून 2020 की स्वीकृति दी गयी।
सेना के कैंटीन रिसोर्स डिपार्टमेंट में मिलने वाले शराब को भी वैट मुक्त कर दिया गया।