Joharlive Team
रांची। बंजर जमीन पर हरियाली लाई जा सकती है और मेहनत व लगन से पत्थर पर फूल खिलाए जा सकते हैं। इस वाकये को सच साबित कर दिखाया है झारखंड की महिलाओं ने एक अनोखा काम करके। दरअसल, राजधानी रांची से करीबन 40 किलोमीटर दूर चान्हो प्रखंड के ओपा पंचायत की महिलाओं ने सवा एकड़ जमीन पर केले की खेती करके दिखाया। अभी रांची में केला बिहार और आंध्रप्रदेश से मंगाया जाता है। लेकिन अब रांची में ही इसकी खेती की जा रही है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।
शशि बाला मिश्रा नामक महिला ने अपने साथ पांच महिलाओं को जोड़कर सवा एकड़ खेत लीज पर लेकर जेएसएलपीएस के सहयोग से टपक खेती की पद्धति से वो कर दिखाया है, जो यहां के लोग पहले कभी सपने में भी नही सोचा था। सबसे बड़ी मुश्किल इन इलाकों में भूमि का समतल नही होना होता है और दूसरी की केले की खेती के लिए पानी की आवश्यकता अधिक होती थी, इसीलिए रांची में पहले केले की खेती नही हो पाती थी। लेकिन इन महिलाओं ने हिम्मत जुटाई और आज इनके खेत मे फसल तैयार होने को हो।
इस सवा एकड़ भूमि पर केले की खेती के लिए लगभग डेढ़ लाख रुपए के खर्च आए हैं। वहीं, इससे 5 लाख तक की आमदनी होने की उम्मीद है। महिलाओं की मानें तो इससे पहले इस खेत मे किसी तरह कुछ सब्जी उपजा लेती थी। लेकिन जब से उनको केले की खेती के बारे में जानकारी मिली है, वो केले की खेती करना शुरू कर दी और अब आसपास के लोग भी देखने और समझने आते हैं।
शशिबाला जितनी लगन से अपने घर का कामकाज करती हैं, उतने ही जोश के साथ खेती में मेहनत करती हैं। उन्होंने चान्हो प्रखंड के ओपा पंचायत में सवा एकड़ दोमट जमीन को उपजाऊ बना डाला। उस पर केले के पौधे लगाए, आज दोमट जमीन पर केला के पौधे लहलहाने लगे हैं। इनका साफ तौर पर कहना है कि आध्रंप्रदेश से अच्छी मिट्टी यहां की है और कम मजदूरी और मेहनत से अच्छा उपज हो रहा है। अब कोई भी महिला बेरोजगार नहीं रहेगी। पलायन बंद हो जाएगा अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
अपने महिला समूह के सखी के सदस्यों के साथ-साथ पूरा परिवार खेत मे पसीना बहाता है। पूरा परिवार जब भी इकट्ठा होता है, तो खेतों में पसीना बहाता है। शशि बाला खुद हाथों में कुदाल लेकर खेतों में पहुंच जाती हैं। इस सफलता पर उत्साहित शशिबाला अब ओपा को बिहार के हाजीपुर की तरह केला उत्पादन के मामले में विकसित करना चाहती हैं।
नई तकनीक से पौधों तक पहुंच रहा पानी
शशि बाला मिश्रा 20 रुपए की दर से प्रति केला का पौधा खरीदा। उन्होंने हर पौधों तक पानी पहुंचाने के लिए नई तकनीक टपक सिंचाई योजना का प्रयोग किया। सवा एकड़ क्षेत्र में पाइप बिछाए, पास में किए गए बोरिंग से पाइप के जरिए वहां से खेतों तक पानी लाया गया। इससे पानी व पैसे कम खर्च हुए और पौधे भी लहलहा उठे।
जिला प्रशासन कर चुका है पुरस्कृति
शशि बाला को खेती के लिए जिला से कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है। सरकारी स्तर पर किसानों को मिलने वाले प्रशिक्षण में शशि बाला का नाम शामिल रहता है। वे खेती से संबंधित प्रशिक्षण कई बार ले चुकी हैं।
वहीं, रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि किसानों के आय को दोगुना करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, जिला प्रशासन जेएसएलपीएस के साथ मिलकर किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। टपक खेती के माध्यम से कम पानी का उपयोग करके अधिक पैदावार किया जा रहा है। लगातार ऐसे किसानों को प्रोत्सहित भी किया जा रहा है।