JoharLive team

रांची। झारखंड की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई मुद्दों पर हेमंत सरकार को घेरने की तैयारी के बीच कल से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।

विधानसभा सूत्रों ने आज यहां बताया कि पंचम विधानसभा का बजट सत्र 28 फरवरी 2020 से सभा के नए भवन में शुरू होगा और 28 मार्च तक चलेगा। इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एक माह तक चलनेवाले इस सत्र में 18 दिन कार्यदिवस रहेगा। वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव 03 मार्च को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगे।

सभा मे पेश होने वाले बजट पर 04 से 06 मार्च को बहस होगी। इसके बाद 12 से 13 मार्च, 17 से 20 मार्च और 23-24 मार्च को अनुदान मांगों पर बहस होगी और इसी दिन सरकार जवाब देगी।
बजट सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभाध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने आज विधानसभा के नए भवन परिसर में सर्वदलीय बैठक बुलायी है। हालांकि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज भाजपा बैठक का बहिष्कार कर सकती है।

भाजपा विधायक सी. पी. सिंह ने सभाध्यक्ष श्री महतो को पत्र लिख कर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने की सूचना दे दी है। पत्र में कहा गया है कि भाजपा ने श्री बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुन लिया है लेकिन, बैठक में उन्हें नहीं आमंत्रित किया गया है। ऐसे में वे इस बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं।
वहीं, भाजपा सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में पत्थलगढ़ी, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और नक्सली वारदातों में आई तेजी समेत अन्य कई मुद्दों पर हेमंत सोरेन सरकार को घेरने का संकेत दे चुकी है।

विधायक दल की बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि झारखंड में बनी गठबंधन की सरकार के खिलाफ कुछ ही महीनों में जनआक्रोश दिख रहा है। राज्य में नक्सली समस्या लगातार बढ़ रही है। गठबंधन की सरकार बनने के बाद झारखंड में अबतक 20 से अधिक नक्सली घटनाएं हो चुकी है।
श्री सिंह ने राज्य की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि खजान खाली होने की बात कहकर सरकार बचाव की मुद्रा में दिख रही है। उन्होंने कहा था कि राज्य की पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को हेमंत सरकार बंद करने पर तुली हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री ने पत्थलगड़ी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने सोचा था कि मौजूदा सरकार एक-दो साल बाद संघर्ष का मौका देगी लेकिन जिस तरह का कुशासन हेमंत सरकार चला रही है, ऐसे में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाना जरूरी हो गया है और विधानसभा में भाजपा के विरोध का नेतृत्व श्री बाबूलाल मरांडी करेंगे।

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