देवघर : देवघर विधानसभा सीट कई मायने में महत्वपूर्ण है. विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योर्तिलिंग बाबा बैद्यनाथ की पावन भूमि होने के कारण यहां देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. वहीं, झारखंड राज्य बनने के बाद इस सीट पर भाजपा और राजद की सीधी टक्कर होती रही है. फिलहाल भाजपा के नारायण दास लगातार दो टर्म से यहां के विधायक हैं. इस बार भी पार्टी उन्हीं पर भरोसा जता सकती है. क्योंकि वे सीटिंग एमएलए हैं. वैसे 2019 में भाजपा के प्रत्याशी देने के बाद भी एनडीए गठबंधन के अन्य दल आजसू और लोजपा ने अपना-अपना प्रत्याशी इस सीट से दे दिया था. नतीजतन, भाजपा प्रत्याशी नारायण दास मात्र 2857 वोट से किसी तरह जीत पाए थे. जबकि लोजपा और आजसू प्रत्याशियों ने मिलकर 10896 वोट लाए थे. यानी लोजपा और आजसू के प्रत्याशियों ने भाजपा के प्रत्याशी का ही वोट काटा. अगर इस बार भी कुछ ऐसा माहौल बना तो नारायण दास की मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि राजद के सुरेश पासवान पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
2019 के विधानसभा चुनाव में सुरेश पासवान दूसरे स्थान पर रहे थे. इसलिए इंडिया गठबंधन में राजद प्रत्याशी का दावा इस सीट को लेकर सबसे मजबूत हो जाता है. हालांकि, इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी दल झामुमो और कांग्रेस भी इस सीट को लेकर कदमताल कर रहे हैं. कांग्रेस ने तो बजाप्ता देवघर विधानसभा सीट से प्रत्याशियों के नाम की रायशुमारी भी की. वहीं कांग्रेस कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में मंत्री इरफान अंसारी ने कहा भी था कि देवघर और सारठ सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी खड़ा हो. उन्होंने पार्टी आलाकमान से इन दोनों सीट को लेकर वकालत करने का भी भरोसा स्थानीय कार्यकर्ताओं को दिया था. जिसके बाद राजद खेमे में नाराजगी देखी जा रही है. वहीं, झामुमो भी इस दिशा में ताल ठोंक रहा है. जबकि जदयू के कामेश्वरनाथ दास ने भी क्षेत्र भ्रमण शुरू कर दिया है. उनका दावा है कि जदयू यहां से पहले जीत चुकी है. अगर पार्टी मौका दे तो भाग्य आजमा सकते हैं. हालांकि अबतक किसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. देवघर विधानसभा की सीट सुरक्षित (एससी) है. यानी से अनुसूचित जाति के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकते हैं.
नारायण दास (भाजपा)-95,140 (विजयी)
सुरेश पासवान (राजद)-92,283
निर्मला भारती (जेवीएम)-9,919
बजरंगी महथा (लोजपा)-6,382
संतोष पासवान (आजसू)-4,514
2019-नारायण दास (भाजपा)
2014-नारायण दास (भाजपा)
2009-सुरेश पासवान (राजद)
2005-कामेश्वरनाथ दास (जदयू)
2000-सुरेश पासवान (राजद)
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