JoharLive Team
रांची । झारखंड में पहले चरण में हुए 64 प्रतिशत से ज्यादा मतदान को भाजपा अपने लिए फायदेमंद मान रही है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड विधानसभा चुनाव में मीडिया मामलों के प्रभारी सुदेश वर्मा का कहना है कि पिछली बार की तरह हुए मतदान से साफ जाहिर है कि भाजपा फिर से वापसी कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान से ही भाजपा ने बढ़त बना ली है, अब विपक्ष और आलोचक भी कहने लगे हैं कि सत्ता में भाजपा वापसी करने जा रही है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की जमशेदपुर पूर्वी सीट से पार्टी के ही वरिष्ठ नेता सरयू राय के लडऩे पर सुदेश ने कहा कि उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उनमें रघुबर दास को हराने की क्षमता नहीं है। कहा जा रहा है कि गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने से आदिवासियों का एक धड़ा भाजपा से नाराज है, इस सवाल पर सुदेश वर्मा ने कहा, गुरुजी (शिबू सोरेन) आदिवासी हैं। उनके सुपुत्र हेमंत सोरेन आदिवासी हैं।
उन्हें मौका तो मिला था तो क्या उन्होंने झारखंड को आगे बढ़ाने का काम किया? आदिवासी होना काफी नहीं है। आदिवासियों की भावनाओं को समझकर उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है। बिजली होगी तो आदिवासियों के घर पहुंचेगी, शौचालय बनेगा तो उनके उनके घर भी बनेगा। यह सरकार आदिवासियों के बारे में स्पेशल सोचती है।
चुनाव बाद भी आजसू से गठबंधन जारी रखने के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बयान पर सुदेश कहते हैं, चुनाव में हमारी पार्टी को बहुमत मिलेगा, मगर इसका मतलब यह नहीं कि कोई सहयोगी बनना चाहेगा तो हम सहयोग नहीं लेंगे। हमने गठबंधन नहीं तोड़ा। आजसू की कुछ अपनी मांग थी तो उन्होंने तोड़ा। हमने किसी को अछूत नहीं माना।
जो भी झारखंड के विकास को हमारे ढंग से करना चाहेगा, हमारे साथ होगा। झारखंड में चुनावी आंकड़े भले भाजपा के पक्ष में हैं, मगर जमीनी रिपोर्ट ज्यादा बेहतर नहीं बताई जाती, इस बात को खारिज करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने आईएएनएस से कहा, नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही राज्य में गरीबों के चेहरे चमक उठते हैं। वोट डालते समय जनता के जेहन में मोदी का नाम और रघुबर दास का काम होगा। पार्टी 65 पार के नारे को साकार कर दिखाएगी।
मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ पार्टी के कद्दावर नेता सरयू राय के लडऩे को लेकर सुदेश ने कहा, सरयू राय सीनियर नेता रहे हैं। लेकिन उन्होंने पार्टी खुद छोड़ी, पार्टी ने उन्हें नहीं छोड़ा। यह विचारधारा आधारित पार्टी है। अच्छा व्यक्ति होना काफी नहीं है, आप पार्टी के साथ हैं या नहीं, यह मायने रखता है।