JoharLive Team

रांची। झारखंड बजट सत्र की मंगलवार को कार्यवाही शुरू होने के पहले ही सदन के बाहर भाजपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद भाजपा विधायक अनंत ओझा ने लोहरदगा हिंसा मामले को लेकर कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद भाजपा विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे। इस बीच हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष के सदस्य अपनी बातों के एक-एक कर रखें, वे क्या बोल रहे हैं, समझ नहीं आता है, ऐसे में सवाल का जवाब देना कठिन होता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को मछली बाजार न बनाए।

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो द्वारा मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे आसन ग्रहण करने के साथ ही भाजपा के अनंत ओझा ने लोहरदगा हिंसा को लेकर लाये गये कार्यस्थगन पर सदन में चर्चा कराने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया। लेकिन अंनत ओझा ने कहा कि राज्य में हाल के दिनों में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने बताया कि 23 जनवरी को लोहरदगा में सीएए के समर्थन में जुलूस निकाला, तो असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया, लेकिन अब तक इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जांच झारखंड हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की।

अनंत ओझा ने कहा कि इस मामले में नामजद अभियुक्त अब तक फरार है, पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। इस बीच भाजपा के कई सदस्य वेल में आ गये। विधायक बाबूलाल मरांडी ने बताया कि वे खुद लोहरदगा गये थे, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम के बुरुगुलीकेरा की घटना पर सदन में चर्चा कराना जरूरी है। इस बीच विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने पिछले दिनों सदन को यह विश्वास दिलाया था कि भाजपा विधायक वेल में आकर कार्यवही को नहीं बाधित करेंगे, लेकिन आज भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी के वायदे की अनदेखी कर रहे है। प्रदीप यादव के इस वक्तव्य के बाद भाजपा विधायक फिर से वेल में आकर हंगामा करने लगे।

  • सदन को मछली बाजार न बनाएं : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए विपक्षी सदस्यों से अपील की कि वे अपनी बातों को एक-एक कर रखें, वे क्या बोल रहे हैं, समझ में नहीं आ रहा है, ऐसे में सवाल का जवाब देना मुश्किल होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्य सदन को मछली बाजार न बनाएं। मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य के बाद फिर से भाजपा के कई सदस्य वेल में आकर शोर-शराबा करने लगे। बाद में विधानसभा अध्यक्ष के समझाने के बाद प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही आगे बढ़ सकी।

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