रांची। विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायकों की मांग थी कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठाया जाए। भाजपा के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि अगर मरांडी को नेता प्रतिपक्ष दर्जा नहीं मिला तो सदन नहीं चलने दिया जाएगा। उधर, भाजपा विधायकों के वेल में हंगामा के दौरान सत्ता पक्ष के भी विधायक थोड़ी देर के लिए वेल में पहुंचे गए। इसके बाद शोक प्रस्ताव के दौरान पिछले सत्र से लेकर वर्तमान सत्र के बीच दिवंगत आत्माओं को नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान नेताओं ने दिल्ली हिंसा, चाईबासा नरसंहार में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी।
शोक प्रस्ताव के दौरान जब स्पीकर ने भाजपा की ओर से शोक प्रकट के लिए सीपी सिंह का नाम पुकार तो उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि शोक प्रकाश के लिए बाबूलाल मरांडी को आमंत्रित किया जाता। मैं इसपर कोई राजनीति नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि ऐसे अवसर पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसलिए मैं राजनीति से ऊपर उठकर आपके आदेशानुसार शोक प्रकाश के दायित्व का निर्वहन कर रहा हूं। इसके लिए जब सदन ने पहले से तैयारी की थी कि इसमें सबसे पहले अध्यक्ष, सदन के नेता प्रकाश डालेंगे। आपने तय किया था कि सदन के अंदर शोक प्रकाश पर भाजपा की ओर से सीपी सिंह प्रकाश डालेंगे तो शोक प्रकाश की सूची पहले क्यों नहीं दी गई। पिछली बार भी सदन के अंदर सीपी सिंह को शोक प्रकाश के लिए बोला गया था और मैं पेपर ढूढ़ता रह गया कि शोक प्रकाश में किसका-किसका नाम लूं। पिछले विधानसभा सत्र से लेकर इस सत्र तक जो भी दिवंगत हुए हैं, चाहे वे नेता, कलाकार, चाईबासा नरसंहार के मृतक सहित सभी दिवंगत आत्माओं के लिए शोक प्रकाश प्रकट करता हूं।
बता दें कि भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो द्वारा प्रतिपक्ष के नेता पर फैसला नहीं लेने को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। इस बीच भाजपा विधायक दल के नेता मरांडी ने कहा है कि वे विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बजट सत्र के पहले दिन जैसी परिस्थिति होगी, वैसा निर्णय लिया जाएगा। एक माह चलने वाले विधानसभा के बजट सत्र में कुल 18 दिन कार्यवाही चलेगी। 3 मार्च को राज्य सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट पेश करेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बजट सत्र के लिए पीठासीन सभापतियों का मनोनयन किया, पीठासीन सभापति के लिए झामुमो के स्टीफन मरांडी, सफराज अहमद, सीता सोरेन और भाजपा के अनंत ओझा के नाम का मनोनयन किया। वहीं कार्यमंत्रणा समिति के सभापति स्वयं स्पीकर होंगे, जबकि मुख्यमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, भाजपा के सीपी सिंह और आजसू पार्टी के सुदेश महतो तथा निर्दलीय सरयू राय और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मंत्री चंपई सोरेन,रामेश्वर उरांव, झामुमो के स्टीफन मरांडी, लोबिन हेम्ब्रम, नलीन सोरेन, भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा, अपर्णा सेनगुप्ता, कांग्रेस की पूर्णिमा नीरज सिंह, माले के विनोद कुमार सिंह और झाविमो के प्रदीप यादव का मनोनयन किया गया।
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने वित्तीय वर्ष के 2019-20 के लिए 1216 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट सभा पटल पर रखा। संसदीय कार्यमंत्री ने पिछले सत्र में सरकार की ओर से सदन में दिये गये आश्वासनों पर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन भी सभा पटल पर रखा।
सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले सत्र से अब तक की अवधि में निधन होने वाले राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं और विभिन्न क्षेत्र के दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी, जिन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई उनमें बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर, राम लखन महतो , पद्मश्री गिरिराज किशोर ,पूर्व सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा और बांग्ला फिल्म अभिनेता तापस पाल शामिल है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा के सीपी सिंह, झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव , आजसू पार्टी के सुदेश महतो, कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, राजद विधायक सह मंत्री सत्यानंद भोक्ता,, भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह, निर्दलीय सरयू राय, अमित कुमार महतो ने भी इन्हें श्रद्धांजलि दी। बाद में कुछ पलों का मौन रखने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सोमवार दो मार्च पूर्वाह्न 11 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी।
आलमगीर आलम प्रस्तुत करेंगे तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अनुपस्थिति में सत्र के पहले दिन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी प्रस्तुत करेंगे। रामेश्वर उरांव पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार को भुवनेश्वर जा रहे हैं। इसके साथ सत्र के पहले दिन कई विधायी कार्य निपटाए जाएंगे। एक माह चलने वाले सत्र के दौरान तीन मार्च को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे। बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा होली के बाद होगी। वहीं, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्न काल में सीएम हेमंत सोरेन सदस्यों के नीतिगत सवालों का जवाब देंगे।