Joharlive Teem : एटीएम कार्ड, ई वॉलेट, सहित फर्जी तरीके से खाताधारक के गोपनीय जानकारी हासिल कर धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने रविवार को छापेमारी कर दो साइबर अपराधियों को धर दबोचा।
इस संबंध में साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि दोनों आरोपित बाइक से गिरिडीह जा रहा है। जिसके बाद पुलिस की टीम ने अहिल्यापुर के लक्षुडीह के पास दोनों को रोक कर पूछताछ कर दोनों को धर दबोचा गया। जिसके बाद रविवार को न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश करते हुए जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार जामताड़ा जिले के नारायणपुर स्थित मुंगियामारनी गांव के मोहम्मद हलीम अंसारी व रियाज अंसारी जो रिश्ते में चचेरे भाई हैं। इन्होंने सरिया के प्रकाश गुप्ता से गूगल पे वॉलेट के माध्यम से 84,344 रुपये की ठगी की थी। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अहिल्यापुर लक्षुडीह से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार दोनों युवकों ने बताया कि इनके गिरोह का सरगना देवघर पालाजोरी स्थित कसरायडीह गांव के शरीफ अंसारी है। जिससे मिलकर इन्होंने सरिया के प्रकाश गुप्ता को चूना लगाया था। पुलिस इन दोनों आरोपितों के हाई स्पीड मोटर बाइक को भी जब्त कर ली है।
आरोपितों के पास से बरामद सामानरू साइबर अपराध में गिरफ्तार दोनों चचेरे भाइयों के पास से पुलिस ने पांच एंड्रायड मोबाइल, तीन सामान्य मोबाइल, दो बाइक के अलावा आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, एटीएम कार्ड आदि बरामद किया।
ठगी के इस धंधे में शरीफ को मिलता था पचहत्तर हिस्सारू गिरफ्तार हलीम महज दसवीं पास है। उसके बाद उसका मन पढाई से उचट गया तथा पैसा कमाने का आसान तरीका ढूंढने लगा। इसी बीच देवघर निवासी शरीफ अंसारी जो रिश्ते में भांजा है। उससे मिलकर साइबर क्राइम की ट्रेनिंग ली। साथ ही सौदे के अनुसार हलीम साइबर अपराध से अर्जित रकम के 25 फीसद हिस्सा रखकर शेष पचहत्तर फीसद राशि शरीफ को दिया करता था। अबतक साइबर क्राइम के तहत हलीम के बैक खाते से करीब 30 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हो चुका है।
सरिया का प्रकाश मोबाइल दुकान चलाता है। अपने दुकान के माल के लिए उसने सप्लायर से संपर्क किया। साथ ही उसने सप्लायर को भीम एप से बीस हजार रुपये भुगतान भी किया। लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण उक्त राशि सप्लायर के खाते में हस्तांतरित नहीं हो पाई। जिसके बाद उसने इंटरनेट पर सर्च कर भीम एप के कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा तो इन साइबर अपराधियों का फर्जी नंबर मिला। प्रकाश ने उस नंबर पर संपर्क कर सप्लायर के खाते में भेजी गई राशि नहीं पहुंचने की जानकारी दी। इसके बाद साइबर आरोपितों ने प्रकाश को बातों में फंसाकर उसे विश्वास में ले लिया और अपने मोबाइल का बटन दबाने का निर्देश दिया। प्रकाश भी उनके कहे अनुसार बटन दबाते गया और ओटीपी भी बता दिया, जिसके बाद उसके खाते से राशि उड़ा ली गई। गूगल पर करा रखा है फर्जी नंबर का पंजीकरण
साइबर अपराध को अंजाम देने वाले आरोपित ने गूगल पर फर्जी मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड करा रखा है। इसके तहत भीम एप्प, गूगल पे, मॉबीक्वीक्स, पेटीएम, फोन पे, टाटा स्काई जैसे एप्प पर फर्जी मोबाइल नंबर डाल रखा है। परेशान उपभोक्ता समस्या के समाधान को लेकर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढते हैं और अपनी समस्या बताते हैं। इसी चक्कर में लोग इन अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं।