रांची: झारखंड में जनता दल यूनाइटेड(जदयू) अपने पुराने जनाधार को फिर से वापस लाने में जुट गया है. रणनीति बनना शुरू हो गया है. पार्टी के सारे शीर्ष नेता का झारखंड दौरा शुरू हो चुका है. पार्टी झारखंड में पूरी तरह से एक्टिव दिख रही है. कुछ दिनों पहले पार्टी प्रभारी अशोक चौधरी झारखंड पहुंचे और पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव कैसे लड़ना है, चुनाव को लेकर क्या रणनीति अपनाया जाये इस पर मंथन शुरू हो चुका है. पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को कई जिम्मेदारियां भी दे रही हैं. जनता दल यूनाइटेड अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए झारखंड में भी कास्ट इक्वेशन समीकरण पर विचार कर रही है.
झारखंड में 23 फीसदी कुर्मी मतदाता
अगर देखा जाये तो झारखंड में करीब 23 फीसदी कुर्मी मतदाता हैं, जिनमें 32 विधानसभा सीटों और छह लोकसभा सीटों पर उनकी निर्णायक भूमिका है. गौरतलब है कि झारखंड में जेडीयू के सबसे बड़े नेता खीरू महतो हैं जो कुर्मी समुदाय से आते हैं. अगर भाजपा से सांसद रहे रामटहल चौधरी जदयू में शामिल होते हैं तो ये पार्टी के लिए कोरामिन की दवा बन सकते हैं. हालांकि पार्टी यहां न सिर्फ ओबीसी बल्कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के बीच भी जायेगी और हर वर्ग तक अपनी पार्टी को पहुंचाने का काम करने का मन बनाया है. बता दें कि झारखंड में सुधा चौधरी, राजा पीटर, रमेश सिंह मुंडा, जलेश्वर महतो, खीरू महतो, मधु सिंह व रामचंद्र केशरी समेत कई बड़े नेता हुआ करते थे जो सदन के अंदर जेडीयू की मौजूदगी सुनिश्चित करते थे. झारखंड में पार्टी की मजबूती के लिए जदयू की फिर से वैसी ही कोशिश है.
झारखंड के रामगढ़ में होगी सीएम की पहली रैली
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली रैली झारखंड के रामगढ़ में होंगी. 21 दिसंबर को नीतीश जोहार के नाम से प्रदेश जदयू झारखंड में उनकी विशाल जनसभा आयोजित कराएगी. पार्टी की तरफ से बताया गया है कि आने वाले दिनों में हमारी कोशिश होगी कि झारखंड के सभी प्रमंडलों में उनकी सभा होगी.