Joharlive Desk

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। इन सबके बीच जनता दल (सेक्युलर) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जेडीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री एच़ डी़ देवगौड़ा इसी महीने पटना में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर अपने मुद्दों को जनता के समक्ष रखेंगे।

पार्टी ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा, “बिहार को एक नये विचार और दिशा की जरूरत है। कोरोना और बाढ़ ने बिहार सरकार की नाकामियों को उजागर किया है। लोगों को बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। महामारी और बाढ़ की दोहरी मार झेल रही बिहार की जनता के प्रति मेरी पूरी संवेदना व सहानुभूति है।”

देवगौड़ा ने दावा करते हुए कहा कि बिहार के कई नेता उनके संपर्क में हैं और वे चुनाव में अपनी भूमिका निभाने के लिए जद (एस) में शामिल होंगे।

इस बीच, पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ललित सिंह ने कहा कि तीन ज्वलंत मुद्दों के साथ पार्टी बिहार चुनाव में उतरी है, किसान, मजदूर और छात्र। नीतीश सरकार पर हमलावर होते हुए कहा, “बिहार सरकार ने कोरोना काल में मजदूरों के साथ जो अन्याय किया है उसका जवाब देने का वक्त आ गया है। क्वारंटाइन केंद्रों के नाम पर बिहार में लूट मचाई गई।”

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एच डी कुमारस्वामी ने कहा, “बिहार में विकास की कोई गति नहीं है। इतने वर्षो तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद नीतीश सरकार रोजगार पैदा करने में असफल रही है।”

बिहार जेडीएस के अध्यक्ष हलधर कांत मिश्रा ने कहा कि, “कुछ समय पहले नीतीश कुमार केंद्र से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा करते थे, अब वो विशेष राज्य का नाम तक नहीं लेते। बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। ऐसे में राज्य की जनता का भरोसा नीतीश सरकार से उठ चुका है। “

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