जमशेदपुरः जुगसलाई पार्वती घाट मुक्तिधाम में अब गैस से शव का अंतिम संस्कार होगा. इसके लिए श्मशान घाट प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दिया है. श्मशान घाट प्रबंधन ने बताया कि झारखंड में यह पहला श्मशान घाट होगा, जहां एलपीजी गैस से शव का दाह संस्कार किया जाएगा. पर्यावरण को बचाए रखने के लिए गैस बर्निंग यूनिट लगाया जा रहा है.
जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत खरकई नदी किनारे स्थित सौ साल पुराने पार्वती घाट में अब एलपीजी गैस से शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. जिसके लिए श्मशान घाट कमिटी ने तैयारी शुरू कर दी है. झारखंड में जमशेदपुर पहला शहर होगा जहां गैस बर्निंग यूनिट के जरिए शव जलाया जाएगा. देश में गुजरात, अहमदाबाद, कोलकाता और ओड़िशा में यह सिस्टम काम कर रहा है. वर्तमान में जमशेदपुर में 3 शमशान घाट हैं, जिसमे स्वर्णरेखा घाट पार्वती घाट में लकड़ी और इलेक्ट्रिक सिस्टम में शव जलाने की व्यवस्था है. जबकि महाकालेश्वर घाट में लकड़ी से शव को जलाया जाता है. श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक बर्न यूनिट के कभी-कभी खराब हो जाने से परेशानी होती है.
इसकी जानकारी देते हुए पार्वती घाट कमिटी के सदस्य सह आर्किटेक नलिन गोयल ने बताया कि वर्तमान में पर्यावरण को देखते हुए प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए यह योजना बनाई गयी है. अंतिम संस्कार में लकड़ी और गोयठा से ज्याद प्रदूषण फैलता है. लकड़ी और बिजली से चलने वाला बर्न यूनिट काफी खर्चीला होता है. लेकिन गैस बर्निंग यूनिट प्रदूषण रहित और कम खर्च वाला होगा. इस सिस्टम के लगने से पेड़ों और जंगलों की कटाई रुकेगी.
गैस यूनिट बिजली की अपेक्षा कम खर्चीला होगा. शुरुआत में एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाएगा. कुछ समय बाद गेल इंडिया द्वारा शहर में गैस सप्लाई के लिए बिछाए जा रहे पाइप लाइन को पार्वती घाट में भी लाया जाएगा और गैस से शव का अंतिम संस्कार होगा. यह योजना तीन माह में पूरा करने का प्रयास है. गैस बर्निंग यूनिट में स्वदेशी तकनीक अपनायी जा रही है.