Joharlive Team
जमशेदपुर। जिले के बागबेड़ा वृहत जलापूर्ति योजना को लेकर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार के पेयजल स्वच्छता विभाग के मंत्री ने योजना के कार्यस्थल का निरीक्षण किया और दिसंबर तक पानी घर में पहुंचाने का आश्वासन दिया है, लेकिन काम करने वाली एजेंसी की लापरवाही से काम अधूरा है। ऐसे में अगर काम में तेजी नहीं आई तो मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।
जमशेदपुर के गोविंदपुर और बागबेड़ा क्षेत्र में वृहत जलापूर्ति योजना के पूरा न होने पर क्षेत्र की जनता के साथ पंचायत प्रतिनिधि अब आर पार की लड़ाई के मूड में हैं। यहां पानी की समस्या को देखते हुए 2015 में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 236 करोड़ की लागत से वृहत जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया था। वर्ल्ड बैंक की मदद से होने वाली इस योजना का काम एक एजेंसी को दिया गया है. 2018 तक इस योजना को पूरा करना था। इस योजना के तहत पाइप लाइन के जरिये घरों तक सप्लाई पानी देना था, लेकिन 2020 में भी यह योजना पूरा होते नहीं दिख रहा है।
इधर, झारखंड सरकार में पेयजल स्वछता विभाग के मंत्री मंगलवार के दिन वृहत जलापूर्ति योजना के कार्य स्थल पहुंचकर कार्यों का निरीक्षण किया और 2020 के अंत तक लोगों को उनके घरों में पानी पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। मंत्री जी के आश्वासन के बाद जिला पारिषद सदस्य किशोर यादव ने कहा कि जिस एजेंसी के जरिये काम कराया जा रहा है। उससे 2020 के अंत तक काम पूरा होने की संभावना पूरी तरह कम है। ऐसे में इस मुद्दे को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे।