Joharlive Team
जमशेदपुर/चाईबासा: चाईबासा पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनाकर नक्सलियों की जमानत कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को चाईबासा में ही धर दबोचा है। इस पूरी कार्रवाई के दौरान गिरोह का मुख्य सरगना फरार होने में सफल रहा है। हालांकि पुलिस को उसका नाम व पता की जानकारी हो गयी है। यह पूरा खेल चाईबासा के संगीता डिजीटल स्टूडियो से चलाया जा रहा था। चाईबासा के सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमर पांडेय ने बताया कि एसपी इंद्रजीत माहथा को गुप्त सूचना मिली थी कि संगीता डिजीटल स्टूडियो में फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनाने का गोरखधंधा चल रहा है। इसके बाद पुलिस टीम बनायी गयी। टीम बनाने के बाद पुलिस ने गुरूवार की रात होटल जायका के बगल में स्थित स्टूडियो में छापेमारी की। इस दौरान स्टूडियो मालिक राम अवतार राम रवि, कमर्चारी मोहन सिंह पूर्ति, दरभंगा के रहने वाले राजन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के समय पूरे गिरोह का संचालन करने वाला बड़ी बाजार का रहने वाला मो. साजिद फरार था। पुलिस टीम ने उसके घर पर भी छापेमारी की, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। छापेमारी के समय सभी आरोपित खुद को बेगुनाह बता रहे थे और घटना का विरोध भी कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और थाने पर लेकर चली आई। छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने स्टूडियो से फर्जी सीम कार्ड, फर्जी एटीएम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, फर्जी वोटर कार्ड, कंप्यूटर, मॉनिटर, सीपीयू, एक बाइक व अन्य सामानों को बरामद किया है। सदर एसडीपीओ ने बताया कि ये लोग फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड के माध्यम से नक्सलियों और कई बड़े अपराधियों की जमानत करवाने का काम करते थे। तीन सालों से यह धंधा चल रहा था। इससे उन्हें लाखों की कमाई भी होती थी। फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनाते समय गिरोह के लोग यह ध्यान रखते थे कि नाम, पता और फोटो मैच नहीं करना चाहिए। कार्ड पर फोटो किसी का होता था और नाम किसी का, पता भी दूसरे का दिया जाता था। ताकि जांच के समय कुछ पता ही नहीं चले। इस संबंध में एसपी इंद्रजीत माहथा ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। आरोपियों से पूछताछ और जांच के बाद ही पता चलेगा कि फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड के माध्यम से कितने लोगों की जमानत करायी गयी है। गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।