दरभंगा : दिल्ली में हुए वर्ष 2024 एशियाई दिव्यांग पैरा साइकिलिंग चैम्पियनशिप में जलालुद्दीन ने रजत पदक जीतकर दरभंगा सहित देश का मान बढ़ाया है. जैसे ही जलालुद्दीन पदक जीत कर दिल्ली से दरभंगा पहुंचे स्टेशन पर मौजूद लोगों ने उनका वीआईपी लाउंज में मिथिला के परंपरा के अनुसार पाग चादर के साथ फूल माला देकर सम्मानित किया.
जलालुद्दीन बचपन से ही एक पांव से दिव्यांग है और वह C-2 कैटोगरी में आते हैं, ऐसे में खुशी की बात यह है कि जलालुद्दीन ने एक साथ दो दो रजत पद जीते एक पदक उन्हें 750 मीटर की रेस में मिला, जबकि दूसरा रजत पदक पंद्रह किलोमीटर के स्क्रेच रेस में प्राप्त किया.
साइकिल चलाने का था शौक
जलालुद्दीन दरभंगा के टेक्टार गांव का रहने वाले हैं. गरीब परिवार में जन्मे जलालुद्दीन का एक पांव नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी और अपना संघर्ष जारी रखा, उन्हें बचपन से ही साइकिल चलाने का शौक था और आज वही शौक उनकी पहचान बन गई है.
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