Joharlive Desk

नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई फोन वार्ता के दौरान जयशंकर ने चीन को खरी-खरी सुनाई। जानकारी के मुताबिक जयशंकर ने वांग से स्पष्ट शब्दों में कहा कि गलवां घाटी में जो भी हुआ वह चीन की पूर्व नियोजित और सोची-समझी कार्रवाई थी। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम के लिए चीन जिम्मेदार है। 

भारतीय सेना ने कहा है कि जनरल एमएम नरवणे, चीफ ऑफ एयर स्टाफ समेत सभी गलवां में शहीद हुए जवानों को सलाम करते हैं। हमारी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं और देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हम मजबूती से खड़े हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय ने सीमा पर झड़प के बाद कहा है कि भारत और चीन दोनों विवाद सुलझाने के लिए उचित तरीका अपनाने पर सहमत हुए हैं। इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा भारत से कहा है कि वह उन लोगों को दंडित करे जिन्होंने यह विवाद शुरू किया।

विदेशी मामलों और सुरक्षा नीतियों को लेकर यूरोपीय यूनियन के प्रवक्ता वर्जीनी बट्टू-हेनरिक्सन ने भारत-चीन विवाद को लेकर कहा है कि एलएसी पर भारत और चीन के बीच शुरू हुआ घटनाक्रम चिंताजनक है। हम दोनों पक्षों से संयम दिखाने और सेनाओं को पीछे करने की अपील करते हैं। दोनों देशों को वार्ता के जरिए विवाद का हल निकालना चाहिए।

भारत-चीन सीमा की गलवां घाटी में भारत की ओर से शहीद हुए बीस सैनिकों में सहरसा से सटे गांव आरन के कुंदन यादव नाम के एक जवान भी शामिल हैं। कुंदन की पत्नी ने कहा, ‘आखिरी बार 9 तारीख को उनसे बात हुई थी। उनकी मौत का बदला चाहिए।’

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की है। जानकारी के मुताबिक दोनों ने इस दौरान सीमा पर स्थिति को लेकर चर्चा की। सीमा पर दोनों देशों के बीच झड़प के बाद दोनों के बीच यह पहली वार्ता है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक फोनवार्ता के दौरान वांग ने जयशंकर से कहा कि भारत और चीन को उन महत्वपूर्ण सहमतियों का पालन करना चाहिए, जिन पर दोनों देशों के नेता सहमत हुए हैं। वांग ने जोर देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को मतभेदों को सुलझाने के लिए मौजूदा तंत्र के माध्यम से संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए।

चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए बिहार के जवान कुंदन कुमार के पिता ने देशभक्ति की अद्भुत मिसाल पेश की है। कुंदन के पिता का कहना है कि मेरे बेटे ने देश के लिए अपनी जान दे दी। मेरे दो पोते हैं, मैं उन्हें भी सेना में भेजूंगा। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, गलवां घाटी में हमारी मातृभूमि की रक्षा कर रहे हमारे बहादुर जवानों को खोने का दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। देश हमारे अमर शहीदों को सलाम करता है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उनकी बहादुरी यह दर्शाती है कि भारत अपनी भूमि के लिए कितना प्रतिबद्ध है।

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