रांची : कांग्रेस भवन में बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सह कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रभारी जयराम रमेश ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि हमेशा ये बोलते रहे कि ध्रुवीकरण को आक्सीजन मिले. आज कह रहे है कि मैं इस राजनीति में विश्वास नहीं रखता हूं. साथ ही कहा कि मोदी कहते रहे है अडाणी-अंबानी टेंपो में कालाधन लेकर कांग्रेस पार्टी के ऑफिस आ रहे है. फिर इन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. ऐसे प्रधानमंत्री पर कोई भी विश्वास नहीं रख सकता. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से 4 सीधे सवाल पूछना चाहता हूं. हमारे नेता राहुल गांधी लोगों को यह किताब दिखा रहे है. यह भारत का संविधान है. आज हमारी लड़ाई इसको सुरक्षित रखने की है. ये हमारा अधिकार है. लेकिन पीएम, उनके नेता, सांसद और सलाहकार कह रहे है कि हमें 400 पार कराओ ताकि हम नया संविधान बना सके.
बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को हटाकर हम नया संविधान लाए. मेरा सवाल है कि जब यह संविधान अपनाया गया तो मसौदा अपनाया गया. 26 नवंबर 1949 को संविधान संभा में आरएसएस के प्रकाशन आर्गनाइजर में लेख आया कि इस संविधान में भारतीयता दिखाई नहीं देती है, क्योंकि ये मनुवादी आदर्शों पर आधारित नहीं है. इनमें मनुवादी मूल्यों से प्रेरणा नहीं ली गई है. ये आरएसएस का लेख है. मोहन भागवत ने खुद तीन साल पहले कहा था कि हम संविधान बदलना चाहते है. संविधान इसलिए बदलना चाहते है कि ये आरक्षण के खिलाफ है.
दूसरा सवाल क्यों आप जातीय जनगणना कराने से भाग रहे है. बिहार में तो आपके सहयोगी नीतीश कुमार ने कराया है. पार्लियामेंट में बहस के बाद जातीय जनगणना कराया गया था तो आपने चुप्पी क्यों नहीं तोड़ी. पांच फरवरी 2024 को एचइसी के कैंपस में राहुल जी ने अपने भाषण में कहा था कि हम जातीय जनगणना कराएंगे. उन्होंने 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण की सीमा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए 50 परसेंट आरक्षण की सीमा जरूरी है का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन इस 50 परसेंट आरक्षण सीमा को बढ़ाएगी. क्या पीएम इसके खिलाफ है. इसलिए हमने गारंटी में लिखा है कि 50 परसेंट आरक्षण को बढ़ाएंगे. तमिलनाडु का कानून एकमात्र कानून है जिसको संविधान सुरक्षित रखता है. वहां पर आरक्षण 69 परसेंट है. कांग्रेस पार्टी गारंटी देती है कि आरक्षण 60-70 परसेंट होता है तो उसे नौवीं सूची में लाएंगे.
उन्होंने पीएम से चौथा सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये सच नहीं है कि आपने सभी कानूनों में संशोधन लाया है. जो कानून आदिवासियों और दलितों के लिए लाए गए थे उन्हें सुरक्षित रखने के लिए. वन अधिकार अधिनियम को 2006 को कमजोर किया, वन संरक्षण कानून 1980 को कमजोर किया. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को कमजोर किया गया ताकि आदिवासियों से जमीन जबरन लेकर पूंजीपतियों को दिया जा सके. इस तरह के कानून और संशोधन क्यों लाए गए. जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हम इंडिया गठबंधन लड़ रहे है. जिस तरीके से पहले और दूसरे चरण में जो मतदान हुआ. हमारे देश की संवैधानिक संस्थाएं निष्पक्ष होकर काम नहीं कर रही है. इसके बावजूद हमें जनादेश मिलेगा. महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हुई आर्थिक विषमता जनता के मुद्दे है. हम पांच न्याय को लेकर जो चुनाव प्रचार कर रहे है. हर वर्ग को वह संदेश पहुंच चुका है. 10 साल के अन्याय का जो लोगों को अनुभव रहा है. उसे जनता समझ चुकी है कि बदलाव और परिवर्तन का समय आ गया है. हम विश्वास के साथ कह सकते है. हम जल्द ही कह सकते है कि जल्द ही पद से हटने वाले प्रधानमंत्री है. झूठ के महामारी से 4 जून को मुक्ति मिलने वाली है.
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