मनोज शर्मा
बोकारो : गिरिडीह लोकसभा में दो प्रमुख दलों द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से क्षेत्र में चुनावी चर्चा तेज हो गई है. एक तरफ एनडीए गठबंधन के तहत झारखंड में एकमात्र गिरिडीह लोकसभा सीट 2019 में आजसू के खाते में जाने से गठबंधन के उम्मीदवार चंद्र प्रकाश चौधरी को करीब 250 लाख वोट से जीत मिली थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता स्व. जगरनाथ महतो को वोट के बड़े अंतर से हराया था. एनडीए गठबंधन से 2024 में चंद्र प्रकाश चौधरी को दोबारा प्रत्याशी घोषित किया गया है. वहीं झामुमो के कद्दावर नेता जगरनाथ महतो के निधन के बाद पहली बार इंडी गठबंधन से झामुमो के पूर्व मंत्री सह टुंडी विधायक मथुरा महतो को प्रत्याशी बनाया गया है.
गिरिडीह लोकसभा में बिगड़ा जातीय समीकरण
दिलचस्प मामला है कि गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण ध्वस्त हो गया है एक ही कुर्मी बिरादरी से दोनों प्रमुख दल आमने-सामने है. वहीं JBKSS के प्रमुख जयराम महतो ने भी गिरिडीह से अपनी दावेदारी ठोक दी है इसलिए इस लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण का मामला शिथिल पड़ गया हैं. गिरिडीह लोकसभा सीट को भाजपा का पारंपरिक सीट माना जाता है. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज रविंद्र कुमार पांडे बोकारो के तत्कालीन कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहते हुए रातों-रात भाजपा का टिकट लेकर 1996 में चुनाव लड़े और जीत हासिल किया. उसके बाद लगातार 1998 और 1999 में जीत कर गिरिडीह लोकसभा के मिथक को तोड़ने में सफल रहे, इस लोकसभा क्षेत्र से लगातार कोई भी प्रत्याशी दोबारा जीत नहीं पाया है.
आदिवासी वोट के भरोसे इंडिया गठबंधन ठोक रहा ताल
झारखंड राज्य गठन के बाद झामुमो के टेकलाल महतो ने 2004 में रविंद्र पांडे को करीब 1 लाख से अधिक वोट से हराया था. वही रविंद्र पांडे ने पुनः 2009 और 2014 में इस सीट से जीत हासिल किया था. झामुमो को अपने पारंपरिक मुस्लिम मांझी वोट पर भरोसा है, करीब 3 लाख मुस्लिम वोटर और 1 लाख आदिवासी वोट के भरोसे इंडिया गठबंधन ताल ठोक रहा है तो एनडीए उम्मीदवार को मोदी मैजिक पर भरोसा है. चंद्र प्रकाश चौधरी के पांच वर्ष के कार्यकाल में भाजपा कार्यकर्ता बिल्कुल उपेक्षित रहे जिसका आक्रोश आजसू प्रत्याशी को विरोध के रूप में झेलना पड़ रहा है.
चंद्र प्रकाश चौधरी और मथुरा महतो के बीच सीधी टक्कर होने के आसार
एनडीए प्रत्याशी चंद्र प्रकाश चौधरी और इंडी गठबंधन के मथुरा महतो के बीच सीधी टक्कर होने के पूरे आसार है. JBKSS प्रमुख जय राम महतो भी इसी बिरादरी से आते हैं जिसने खासकर युवाओं में अपनी पैठ बना ली है, जिसका आंशिक असर एनडीए प्रत्याशी चंद्र प्रकाश चौधरी पर पड़ेगा. हालांकि इस आमने-सामने की भिड़ंत में आजसू प्रत्याशी चंद्र प्रकाश चौधरी का पलरा भारी पड़ता दिख रहा है. 2019 के चुनाव में चंद्र प्रकाश चौधरी को 648277 वोट मिला. वहीं यूपीए के जगरनाथ महतो को 399930 वोट मिला था. करीब ढाई लाख वोट के बड़े अंतर से एनडीए गठबंधन की जीत हुई थी और चंद्र प्रकाश चौधरी झारखंड के एकमात्र गिरिडीह से आजसू सांसद बने थे.
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