बोकारो : झालसा, रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो के मार्गदर्शन में रविवार (17 मार्च) को तेनुघाट जेल में बंदियों के बीच जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम के लिए एक बेंच का गठन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी साक्षी श्रीवास्तव ने बंदियों को कानून की जानकारी देते हुए बताया कि अगर आपके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और आपको थाना से 41(a) का नोटिस जारी किया जाता है तो आप थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं ताकि आपकी बातों को सुनकर मामला की जांच पड़ताल हो.

उन्होंने आगे बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं. साथ ही बंदियों से उनके समस्याओं के बारे में पूछा और उनके निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करने की बातें कही. अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने मंच संचालन करते हुए बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताया कि नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं. जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है. इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है.

बंदियों को पैनल अधिवक्ता शैलेश कुमार सिन्हा ने भी कानूनी जानकारी दी. स्वागत भाषण और धन्यवाद ज्ञापन जेलर नीरज कुमार ने करते हुए बंदियो को जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी. उसके बाद श्रीमती श्रीवास्तव के साथ अधिवक्ता महिला बंदी वार्ड में जाकर महिला बंदी से भी मुलाकात की और मेडिकल वार्ड में जाकर बीमार बंदियों से भी उनकी स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने दी .

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