Joharlive Team
रांची। अय्यासी, मस्ती, शराब पीने के शौख ने पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपराधी बना डाला। आईटीआई से पढ़ाई कर रहे ऋषभ कुमार उर्फ छोटू और रजनीश कुमार उर्फ अक्षय बिहार से रांची पढ़ाई करने आये थे। मगर, राजधानी की चमक धमक देख पढ़ाई को दरकिनार कर छिनतई करने लग गए। रांची के पौश इलाके इनका मुख्य टारगेट था। रांची पुलिस ने राजधानी की सड़कों पर आतंक मचा रहे छिनतई गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। गिरफ्तार अपराधियों में ऋषभ कुमार उर्फ छोटू, गौरव कुमार सिंह उर्फ गोरे और रजनीश कुमार उर्फ अक्षय शामिल है। इनलोगों के पास से पुलिस ने एक होंडा कंपनी का होरनेट काला रंग का बाइक(जेएच 01सीबी 9025), हेलमेट ब्लैक रंग, छिनतई में इस्तेमाल विभिन्न रंग का सर्ट और पांच मोबाइल व 2700 नकद शामिल है। गिरफ्तार तीनों अपराधियों को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश करने के बाद जेल भेजा है। छापेमारी टीम में चुटिया इंस्पेक्टर रवि ठाकुर, एसआई पंकज चौधरी, राकेश कुमार सिंह, एएसआई अजय कुमार और शशिभूषण राय व मो अकरम शामिल है।

एक हाथ से बाइक चलाकर चेन छिनने में माहिर है ऋषभ
चुटिया के रामनगर, रेलवे कॉलोनी में रहने वाला ऋषभ कुमार उर्फ छोटू एक हाथ से मोबाइल, चेन छिनने में माहिर है। ऋषभ कभी भी अकेला रहता था, आराम से पौश इलाकों में सुनसान रास्ता देखकर महिलाओं को निशाना बनाता था। एक हाथ से बाइक चलाता और दूसरे हाथ से सोने का चेन गले से छिन कर रफू चक्कर हो जाता था। पुलिस को ऋषभ के एक हाथ से चेन छिनतई करने का सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। हालांकि, पूछताछ में ऋषभ ने इस बात को स्वीकार किया है।

डकैती मामले में जेल जा चुका है गौरव


उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अंतर्गत बांसडीह का रहने वाला ब्रजेश सिंह का बेटा गौरव कुमार सिंह उर्फ गोरे डकैती मामले में भी जेल जा चुका है। गिरफ्तार गौरव पिछले कई माह से चुटिया हटिया तालाब के पास छात्र बनकर किराये के मकान में रहता था। पढ़ाई के बहाने सुबह घर से निकलता था और शाम के समय सड़कों पर सोने का चेन व मोबाइल छिनकर घर लौट जाता था। मकान मालिक को भी इसकी भनक नहीं रहती थी। मगर, चुटिया पुलिस ने जब छापेमारी कर पकड़ा, तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है।

दर्जनों से ज्यादा मामलों को अंजाम दे चुका है राजधानी में
चुटिया पुलिस ने गुप्त सूचना पर सबसे पहले ऋषभ कुमार को पकड़ा था। पुलिस ने ऋषभ को उस वक्त पकड़ा था, जब बंद कमरे में लड़की के साथ अय्याशी कर रहा था। ऋषभ से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो गिरोह के बाकि दो सदस्य गौरव और रजनीश को अलग-अलग जगहों से पकड़ा गया। हालांकि, रजनीश का भाई अनीश एक हिंदी दैनिक अखबार में काम भी करता है। पूछताछ में इनलोगों ने दर्जनों से ज्यादा मामले में अपनी संलिप्ता को स्वीकार किया है।

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