JoharLive Team
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सजा काट चुके बंदियों को भी सामान्य जिंदगी जीने का पूरा हक़ है। उन्होंने जाने-अनजाने जो गलती की थी, उसकी सजा उन्हें मिल गई है। अब उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना समाज के हर व्यक्ति का काम है। कोई भी व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन जीये यह हक उसे हमारा संविधान प्रदान करता है। उक्त बातें उन्होंने राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि कई सारे मामले ऐसे भी सामने आते हैं, जिसमें बंदी सजा काट लेते हैं, सजा पूरी हो जाती है लेकिन गरीबी के कारण कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होने से वे बरी होने से वंचित हो जाते हैं। हर 3 माह में पर्षद की बैठक कर ऐसे मामलों का तुरंत निपटारा करें। आज की बैठक में कुल 153 मामलों पर चर्चा हुई। एक-एक कर सभी मामलों पर विस्तार से बातचीत हुई। इसके बाद 141 बंदियों को रिहा करने पर सहमति बनी।
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, डीजीपी कमल नयन चौबे, कारा महानिरीक्षक शशि रंजन समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।