रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में काफी संख्या में मरीज आते है. जहां पर इलाज के दौरान मरीजों की मौत भी हो जाती है. ऐसी स्थिति में उनका डेथ सर्टफिकेट रिम्स से ही जारी किया जाता है. लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब किसी भी व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट लेना आसान नहीं होगा. मृतक के पति-पत्नी के अलावा केवल अधिकृत व्यक्ति ही सर्टिफिकेट रिसीव कर सकेगा. इसके लिए रिम्स प्रबंधन ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. वहीं इसका सख्ती से पालन कराने को कहा गया है जिससे कि डेथ सर्टिफिकेट गलत हाथों में न चला जाए.
दो दिन में सुधार का आवेदन
सर्टिफिकेट के लिए आवेदन देने के बाद कागजात की स्क्रूटनी की जाती है. जिसमें कागजात सही पाए जाने पर सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है. परिजनों को उसकी खुद से जांच करने को कहा गया है. अगर सर्टिफिकेट में कोई गड़बड़ी हो तो सुधार के लिए दो दिनों के अंदर आवेदन कर सकते है. सुधार के बाद संबंधित व्यक्ति को सूचना दे दी जाएगी.
रिम्स में बनाया काउंटर
रिम्स के पुरानी इमरजेंसी बिल्डिंग में ही इसके लिए काउंटर बनाया गया है. जहां पर मृतक के परिजन कागजात के साथ आवेदन जमा कर सकते है. इसके अलावा बर्थ सर्टिफिकेट और एलआईसी के लिए भी इसी काउंटर से आवेदन कर सकते है. परिजनों को राहत देने के उद्देश्य से इस काउंटर को शुरू किया गया है. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि सर्टिफिकेट बन जाने की सूचना परिजनों को एसएमएस के माध्यम से दी जाए. इसके बाद ही परिजन सर्टिफिकेट लेने के लिए आएंगे.
ये देना होगा कागजात
- पति-पत्नी या लीगल हायर द्वारा जारी सहमति पत्र
- डेड बॉडी कैरिंग सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी, मृतक का आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बैंक पासबुक किसी एक की कॉपी
- सर्टिफिकेट लेने वाले को अपना मूल आईकार्ड (आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बैंक पासबुक) की कॉपी
- मृतक का सर्टिफिकेट अगर विवाहित पुत्री रिसीव कर रही है तो आईकार्ड जिसमें मृतक के साथ संबंध हो
- आवेदक या प्राप्त करने वाले के आईडी में केयर आफ लिखे होने की स्थिति में कोई अन्य डॉक्यूमेंट आधार कार्ड, वोटर आईडी, पेंशन बुक, सर्विस बुक, बैंक पासबुक दिखाना होगा