ISRO : भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को जल्द ही नया नेतृत्व मिलने वाला है. मौजूदा अध्यक्ष एस. सोमनाथ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, 14 जनवरी से वी नारायणन इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. केंद्र सरकार ने मंगलवार को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की. वी नारायणन के नेतृत्व में, ISRO नई ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए तैयार है.
Welcome V Narayanan as the new Chairman of #ISRO and Secretary of #Department of Space, effective January 14, 2025!
A visionary leader and a pioneer in cryogenic propulsion, he’ll lead India’s journey to space excellence.🚀🌌
Currently, he heads the Liquid Propulsion Systems… pic.twitter.com/axF1kd6yR6
— ISRO InSight (@ISROSight) January 8, 2025
कौन हैं डॉ वी नारायणन
वी नारायणन इसरो के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं. उन्हें भारत के क्रायोजेनिक इंजन विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए जाना जाता है, एक तकनीक जिसे पहले भारत को अन्य देशों से प्राप्त करने से मना किया गया था.
नारायणन रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रोपल्शन के विशेषज्ञ हैं, और उनका शैक्षिक सफर प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने तमिल माध्यम के स्कूलों से अपनी शिक्षा प्राप्त की और फिर IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक किया, जहाँ उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया. इसके बाद, उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी भी की.
इसरो में वी नारायणन का योगदान
1984 में इसरो से जुड़ने के बाद, वी नारायणन ने 2018 में LPSC के निदेशक का पद संभाला. उनके नेतृत्व में यह केंद्र विभिन्न प्रकार के प्रोपल्शन सिस्टम्स, सैटेलाइट प्रोपल्शन और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों पर काम कर रहा है.
कितने साल का होगा कार्यकाल
नए इसरो प्रमुख के रूप में वी नारायणन का कार्यकाल दो साल का होगा. साथ ही, वह अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करेंगे. उनकी विशेषज्ञता से ISRO को अंतरिक्ष अन्वेषण, रॉकेट लॉन्च, और नए मिशनों में मजबूती मिलेगी.
एस. सोमनाथ का योगदान
मौजूदा ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने जनवरी 2022 में पदभार संभाला और उनके नेतृत्व में भारत ने चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में रोवर को उतारा. यह उपलब्धि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई और ISRO की क्षमता को साबित किया. अब, वी नारायणन के नेतृत्व में ISRO नई दिशा में आगे बढ़ेगा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा.
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