Israel : इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर एक महीने के भीतर दूसरा हमला हुआ है. इस बार हमलावरों ने उत्तरी इज़राइली शहर कैसरिया में नेतन्याहू के घर पर दो फ्लैश बम फेंके. हालांकि, यह गनीमत रही कि बम घर के बाहर स्थित बगीचे में ही गिर गए, और घर में कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इसे एक गंभीर घटना मानते हुए उसकी गंभीरता के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है.
पिछले महीने भी किया गया था हमला
यह घटना, 19 अक्टूबर को हुए हमले के बाद आई है, जब प्रधानमंत्री के घर को ड्रोन के जरिए निशाना बनाने की कोशिश की गई थी. उस हमले की जिम्मेदारी ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह ने ली थी. तब प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आरोप लगाया था कि हिज़बुल्लाह ने उनके और उनकी पत्नी की हत्या की साजिश रची थी. इज़राइल ने उसके बाद से लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं.
राष्ट्रपति और मंत्रियों की निंदा
घटना के बाद, इज़राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि इसकी जांच की जा रही है. वहीं, इज़राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने इस हमले को दुश्मन द्वारा हद पार करने की कार्रवाई करार दिया और सुरक्षा तथा न्यायिक एजेंसियों से सख्त कदम उठाने की मांग की. नेतन्याहू सरकार में मंत्री इतामार बेन-गविर ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह एक उकसावे वाली कार्रवाई थी, जिसने सभी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने इसे प्रधानमंत्री के खिलाफ सब्र की परीक्षा से जोड़ा.
सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि शनिवार को कैसरिया में नेतन्याहू के घर के पास दो फ्लेश बम गिराए गए, जो गंभीर घटना है. पुलिस और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा एजेंसी) ने संयुक्त बयान में कहा कि हमले के समय प्रधानमंत्री और उनका परिवार घर में मौजूद नहीं था, लेकिन यह घटना बेहद गंभीर है और इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं. जांच के बाद सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही हैं और आगे की कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है. यह हमला उस समय हुआ है जब इज़राइल और इसके पड़ोसी देशों, विशेषकर लेबनान के हिज़बुल्लाह के साथ तनाव बढ़ा हुआ है. इस्लामिक समूहों के हमलों की बढ़ती आवृत्ति ने इज़राइल की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है, और प्रधानमंत्री के घर पर हमला इस बढ़ते खतरे का एक और संकेत है.