नई दिल्‍ली. भारत (India) में आतंक फैलाने के लिए एक बार फिर आतंकी संगठन एकजुट हो रहे हैं. खुफिया जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई को PoK के चेलाबंदी में आतंकी कमांडरों के साथ मीटिंग में ISI ने वहां मौजूद हिजबुल, जैश और लश्कर के कमांडरों को भारतीय खुफ़िया एजेंसियों के लोगों को निशाना बनाने के निर्देश दिए हैं.

आतंकी कमांडरों को बताया गया है कि खुफ़िया एजेंसियों के लोग सॉफ्ट टॉरगेट हैं. उनको निशाना बनाना ज्यादा आसान है क्योंकि उनकी तरफ से तुंरत जवाबी कार्रवाई का खतरा वर्दीधारियों के मुकाबले कम होता है. चेलाबन्दी का इलाका एलओसी से 30 किलोमीटर दूर पीओके में कुपवाड़ा ज़िले के पीछे है. खुफ़िया एजेंसियों को आतंकियों का एक मोबाइल हाथ लगा है, जिसके मैसेज से आतंकियों की साज़िश का खुलासा हुआ है.

उर्दू में भेजे गए मैसेज में एक आतंकी ने अपने मददगार को ख़ुफ़िया एजेंसियो के ऑफिस की लोकेशन,ऑफिस की गाड़ियों की पहचान, ऑफिसर का नाम और पता देने को कहा है. खबर में रॉ, आईबी , सैन्य खुफिया एजेंसी और जम्मू कश्मीर पुलिस की CID के बारे में तमाम जानकारियां जुटाने की आतंकियों की कोशिश के बारे में जानकारी दी गई थी. श्रीनगर, कुपवाड़ा,बारामुला और साउथ कश्मीर में ख़ुफ़िया एजेंसियों के ऑफिस का पता और दूसरी जानकारियां आतंकियों ने अपने मददगारों से मांगी थी.

दरअसल कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने के पीछे खुफिया एजेंसियों का अहम रोल रहा है. घाटी में नासूर बन चुके रियाज़ नैकू, अबू दुजाना,समीर टाइगर ,जाकिर मूसा जैसे आतंकी कमांडरों के मारे जाने में भी खुफ़िया तंत्र का बड़ा हाथ रहा. पिछले डेढ़ महीने में कश्मीर घाटी में एक के बाद एक लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों के कई बड़े कमांडर मारे गए और ये सिलसिला जारी है. इन सब में भी खुफ़िया एजेंसियों की बड़ी भूमिका रही. ऐसे में ISI ने अब आतंकियों को भारतीय खुफ़िया एजेंसियों के लोगों को ही निशाना बनाने का निर्देश दिया है.

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