झारखंड: झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना को लेकर महिलाओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। कई महिलाओं को योजना की पहली कुछ किश्त मिलीं, लेकिन अब आगे की राशि नहीं मिल रही है। इससे कई महिलाएं निराश हैं और अधिकारियों पर आरोप लगा रही हैं।
इस योजना के तहत जनवरी से मार्च तक की ₹7500 की एकमुश्त राशि दी जानी थी, लेकिन कई महिलाओं को यह राशि अभी तक नहीं मिली है। प्रखंड विकास पदाधिकारी सुप्रिया भगत ने बताया कि जिन महिलाओं का आधार, मोबाइल नंबर और बैंक खाता लिंक नहीं है, या जिनके राशन कार्ड और आधार कार्ड में नाम की गड़बड़ी है, उनके खाते में पैसा नहीं आ रहा है।
इसके अलावा, जिन लाभुकों ने राशन कार्ड का KYC पूरा नहीं कराया, वे भी योजना के लाभ से वंचित हो गई हैं। बीडीओ ने स्पष्ट किया कि जिनका सभी दस्तावेज सही है, वे अपने निबंधन संख्या के साथ प्रखंड कार्यालय आकर सुधार करवा सकती हैं। सभी लाभुकों को 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से KYC पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
जमशेदपुर के कई गांवों में बढ़ी परेशानी झारखंड सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर पटमदा और बोड़ाम में भी महिलाओं में नाराजगी देखी जा रही है। गुरुवार को बोड़ाम बैंक के एक बीसी सेंटर पर महिलाओं की भारी भीड़ जमा हो गई। महिलाएं पासबुक और आधार कार्ड लेकर यह जानने पहुंची कि आखिर उनकी राशि क्यों नहीं आई।
सुमित्रा देवी ने निराशा जताते हुए कहा, “हमने सोचा था कि इस पैसे से घर के कुछ जरूरी काम पूरे कर लेंगे, लेकिन अब सब अधूरा लग रहा है।” वहीं, राधा कुमारी ने कहा कि उन्होंने इस राशि से छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब सब अधर में लटक गया है।
विशेषकर होली के बाद गुमला के बसिया प्रखंड कार्यालय में महिलाओं की लंबी कतार देखी जा रही हैं। सुदूर ग्रामीण इलाकों से महिलाएं मुख्यालय पहुंचकर इस बात की जानकारी लेने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर उनके खाते में पैसा क्यों नहीं आया।
बीडीओ ने बताई राशि अटकने की असली वजह प्रखंड विकास पदाधिकारी सुप्रिया भगत ने बताया कि जिन महिलाओं का आधार, मोबाइल नंबर और बैंक खाता लिंक नहीं है, या जिनके राशन कार्ड और आधार कार्ड में नाम की गड़बड़ी है, उनके खाते में पैसा नहीं आ रहा है। इसके अलावा, जिन लाभुकों ने राशन कार्ड का KYC पूरा नहीं कराया, वे भी योजना के लाभ से वंचित हो गई हैं।
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