रांची: झारखंड में ईंडी गठबंधन और एनडीए में अपने घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है. एक ओर जहां सीट मिलने की खुशी में दोहफ्ते पहले ही दीवाली मनाई जा रही वहीं कहीं पर दीवाली जरा फीकी हो गयी है. जी हां, शनिवार करे हेमंत सोरेन के सीअ बंटवारे की घोषणा के बाद से ही राजद के कार्यकर्ताओ में मायूसी सी छाई हुई है. राजद के मनोज झा ने तो हेमंत सोरेन पर आरोप भी लगा दिया कि उन्होने तेजस्वी यादव का अपमान किया है. आगे उन्होंने कहा कि हमारा (राजद) पूरा नेतृत्व यहां है, आज सुबह बैठक हुई और उस बैठक में ये पाया गया कि ताकत जनाधार की है जो राजद के पक्ष में है. पिछली बार हम 7 सीटों पर लड़े क्योंकि लालू यादव का हृदय विशाल था. हमारा लक्ष्य था भाजपा को हटाओ जो आज भी है. दुख के साथ कहना पड़ता है कि एक तरफा फैसला लिया गया. अलग-अलग जिलों में हमारी जो मौजूदगी है वो बहुत ताकतवर है. हम अपने गठबंधन के सहयोगियों को कहेंगे कि उसके अनुसार फैसला लें. कल से हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव यहां(रांची) हैं, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव यहां हैं. सब लोगों के होने के बावजूद अगर गठबंधन की बनावट की प्रक्रिया में आपने हमें संलग्न नहीं किया तो इस बात का दुख तो होता है. कष्ट इसलिए भी होता है कि हमारी ताकत शायद बहुत ज्यादा है. हम लोगों ने 15 से 18 ऐसी सीटें चिह्नित की हैं जहां हम शायद अकेले भी भाजपा को परास्त करने में सक्षम हैं. तमाम विकल्प खुले हुए हैं क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की मनोभावना को दरकिनार करके आगे चले यह उचित नहीं लगता. वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस की ओर से ये दिखाने की कोशिश की गयी की ये सब चुनाव के आयोजन की सामान्य प्रक्रिया है. इसे लेकर झारखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हम सब एकजुट हैं. जब भी गठबंधन में सीट बंटवारे पर बातचीत होती है किसी को त्याग करना पड़ता है. उन्होंने आगे कहा, भाजपा परिवार के सदस्यों को टिकट देकर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने दूसरे दलों से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को टिकट दिए हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के उम्मीदवारों की पहली सूची जल्द ही जारी की जाएगी. इधर झारखंड में सीट बंटवारे को लेकर राजद की निराशा पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “किसी से कोई नाराजगी नहीं है। सब ठीक चल रहा है. साथ ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है, “जब घटक दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना होता है तो आपसी चर्चा चलती रहती है. जब तक चुनाव के लिए नामांकन दाखिल नहीं हो जाता, तब तक सीट बंटवारे को लेकर आपसी चर्चा चलती रहती है…यह रीति है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस-आरजेडी-जेएमएम मिलकर लड़ेंगे. मालूम हो कि बीते शनिवार से सीट शेयरिंग पर राजद और ईंडी गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। सीट बंटवारे को लेकर की गई प्रेस कांफ्रेंस में भी राजद की उपस्थिति नहीं देखी गयी. जबकि तेजस्वी उस वक्त रांची के रेडिशन ब्लू में ही ठहरे हुए थे. बताते चलें कि ईंडिया अलायंस में 70 सीटें जेएमएम और कांग्रेस के परस है वहीं 11 सीटों में राजद को सात ओर लेफ्ट को चार देने की बात कही गयी है. वहीं तेजस्वी ने अंतिम नौ सीटों की मांग की थी जिसर भी कल शाम तक बात नहीं बन सकी थी. वहीं राजद के सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि नौ सीटों पर भी हम साथ आने को तैयार है परंतु शाम को सीएम हाउस में तेजस्वी हेमंत के मीटींग के बाद तेजस्वी बिना कुछ कहे ही बाहर निकल गए थे. कयास लगाए जा रहे कि राजद की बता नही बनती दिख रही है.
क्या ईंडी गठबंधन से नाराज हैं तेजस्वी! सात सीटें नहीं है पर्याप्त, राजेश ठाकुर ने कहा किसी को त्याग करना पड़ता है
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